चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि अनुमान से कहीं बेहतर 7.6 फीसदी रही। प्रतिकूल भू-राजनीतिक हालात के बावजूद विनिर्माण और निर्माण गतिविधियों में दो अंक में बढ़ोतरी से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार के संकेत मिले हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दूसरी तिमाही (FY24Q2) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया था जबकि रॉयटर्स के सर्वेक्षण में अर्थशास्त्रियों ने 6.8 फीसदी वृद्धि की उम्मीद जताई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, ‘दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े वैश्विक स्तर पर ऐसे कठिन समय के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती को दर्शाते हैं। हम अधिक अवसर पैदा करने, गरीबी के तेजी से उन्मूलन और हमारे लोगों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ में सुधार करने के लिए तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
राष्ट्रीय सांख्यकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 9 तिमाही में सबसे अधिक 13.9 फीसदी रही, वहीं निर्माण क्षेत्र में 13.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जिसने सेवा क्षेत्र में नरमी की काफी हद तक भरपाई कर दी। लागत कम होने और बिक्री बढ़ने और मुनाफा मार्जिन में सुधार से सूचीबद्ध कंपनियों के मुनाफे में उछाल आई जिसका असर विनिर्माण गतिविधियों में भी दिखा।
निर्माण क्षेत्र में शानदार वृद्धि केंद्र और राज्य सरकारों के ज्यादा पूंजीगत व्यय को दर्शाती है। हालांकि सेवा क्षेत्र की गतिविधियां 6 तिमाही में सबसे कमजोर रहीं। कुल जीडीपी में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले व्यापार, होटल, परिवहन और संचार सेवाओं की वृद्धि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 4.3 फीसदी रही।
सरकार द्वारा खर्च बढ़ाने और उधारी मांग बढ़ने के बावजूद सेवा क्षेत्र के दो अन्य घटक वित्तीय एवं रियल एस्टेट (6 फीसदी) और लोक प्रशासन तथा रक्षा (7.6 फीसदी) क्षेत्र में भी थोड़ी नरमी देखी गई।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.7 फीसदी रही। पहली तिमाही में वृद्धि दर 7.8 फीसदी रही थी। चालू वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी वृद्धि दर के आरबीआई के अनुमान को हासिल करने के लिए दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था को 5.3 फीसदी की दर से विकास करना होगा। आरबीआई ने तीसरी तिमाही के लिए 6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.7 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया है।
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी ने कहा कि वैश्विक नरमी और ऊंची ब्याज दरों के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत का प्रदर्शन अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अच्छा रहने की उम्मीद है।