अर्थव्यवस्था

डेट सिक्योरिटी में विदेशी बैंक बड़े निवेशक, FAR के तहत आए 23,351 करोड़ रुपये

क्लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़े के अनुसार इस वित्त वर्ष में 1 जून से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने ऋण खंड में 26,251 करोड़ रुपये निवेश किए हैं।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- July 19, 2024 | 11:34 PM IST

जेपी मॉर्गन सूचकांक- योग्य बांड्स में शुद्ध निवेश प्रवाह के मूल्य से अधिक निवेश कर विदेशी बैंक इसके सबसे बड़े निवेशक बन गए हैं। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक की अर्थव्यवस्था की स्थिति रिपोर्ट में दी गई है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार इस बुलेटिन के लेख में लेखकों की निजी राय है और यह भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।

क्लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़े के अनुसार इस वित्त वर्ष में 1 जून से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने ऋण खंड में 26,251 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। विदेशी बैंकों ने 1 जून के बाद से 6 अरब डॉलर से अधिक के ऋण प्रतिभूति खरीदे हैं। हालांकि इस अवधि में भारत सरकार के पूरी तरह से सुलभ मार्ग (FAR) के तहत नामित भारतीय सरकारी प्रतिभूतियों में 23,351 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।

पूरी तरह सुलभ मार्ग के तहत नामित 38 बॉन्ड में से केवल 29 ही जेपी मॉर्गन बॉन्ड सूचकांक के मानदंड को पूरा कर पाए हैं। मानदंड यह है कि इन बॉन्ड की फेस वैल्यू 1 अरब डॉलर से अधिक और बची हुई परिपक्वता अवधि 2.5 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार जेपी मॉर्गन सूचकांक में भारत के सावरिन बॉन्ड शामिल किए जाने से पहले ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इन बॉन्ड में अपना स्वामित्व बढ़ाकर 10 अरब डॉलर से अधिक कर दिया है। 28 जून से औपचारिक रूप से शामिल किए जाने के बाद विदेशी निवेशक ऋण खंड में 10,641 अरब रुपये का निवेश कर चुके हैं।

First Published : July 19, 2024 | 10:52 PM IST