अगले वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत प्रसार जारी रहने का अनुमान लगाते हुए फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का अनुमान वित्त वर्ष 2025 के लिए बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। इसके पहले के अनुमान में एजेंसी ने 6.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘कारोबारियों और ग्राहकों का भरोसा टिकाऊ स्तर पर बरकरार रहने के बीच घरेलू मांग, खासकर निवेश अर्थव्यवस्था की वृद्धि का मुख्य चालक होगा। हमारे अनुमान के मुताबिक कम अवधि के हिसाब से वृद्धि, अर्थव्यवस्था की अनुमानित क्षमता को पीछे छोड़ देगी। ऐसे में वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि दर में सुधार होगा।’
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को यह भी उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि 7.8 प्रतिशत रहेगी, जो सरकार के 7.6 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान से थोड़ा अधिक है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा है, ‘चीन को छोड़कर उभरते बाजारों खासकर भारत की स्थिति बेहतर है, जहां हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस वित्त वर्ष में मार्च 2024 की समाप्ति तक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी और वित्त वर्ष 2025 में यह 7 प्रतिशत रहेगी। दोनों ही अनुमानों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। लगातार 3 तिमाहियों में वृद्धि दर 8 प्रतिशत से ऊपर रही है। हम उम्मीद करते हैं कि चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में वृद्धि की गति सुस्त होगी। ’
फिच ने 2024 के लिए चीन का वृद्धि अनुमान घटाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले 4.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। संपत्ति के क्षेत्र में सुस्ती और अवस्फीति के बढ़ते दबाव के मिल रहे संकेतों के कारण एजेंसी ने ऐसा किया है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों के कारण 2023 के अंतिम महीनों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई बढ़ी है।
इस वजह से भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है और अपनी समीक्षा में मौद्रिक सख्ती जारी रखने और महंगाई दर घटाकर लक्ष्य पर लाने के संकेत दिए हैं।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘प्रमुख महंगाई तेजी से गिर रही है, जिससे खाद्य कीमतों की गतिविधियों का पता चलता है, जिनकी हिस्सेदारी भारत के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में करीब आधी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई 4 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा है, जो 2 से 6 प्रतिशत की सीमा का मध्य बिंदु है। हम उम्मीद करते हैं कि कैलेंडर वर्ष के अंत तक प्रमुख महंगाई तेजी से घटकर 4 प्रतिशत के करीब आएगी, क्योंकि खाद्य वस्तुओं में उतार चढ़ाव घटेगा। ऐसे में हमारा मानना है कि रिजर्व बैंक 2024 की दूसरी छमाही में ही रिजर्व बैंक ब्याज दर में कटौती करेगा और यह कटौती 50 आधार अंक (दिसंबर के 75 आधार अंक के अनुमान में बदलाव) होगी।’
पिछले सप्ताह की शुरुआत में सरकार के पूंजीगत व्यय में तेजी और मजबूत घरेलू खपत को देखते हुए मूडीज रेटिंग्स ने भी कैलेंडर वर्ष 2024 के लिए भारत का वृद्धि अनुमान बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था, जिसने पहले 6.1 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।