इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि राज्यों का सकल राजकोषीय घाटा अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद के 4.3 प्रतिशत के बराबर होगा, जो चालू वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत रहने की संभावना है।
एजेंसी ने पहले अनुमान लगाया था कि वित्त वर्ष 21 में यह 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। नॉमिनल जीडीपी में 6.1 प्रतिशत के अनुमान से तेज संकुचन रहने के कारण यह बदलाव किया गया है। इंडिया रेटिंग ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 22 में नॉमिनल जीडीपी में 14.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी और ऐसा माना जा रहा है कि राजस्व संग्रह में धीरे धीरे सुधार हागा और इससे अगले वित्त वर्ष से पूंजीगत व्यय बढ़ेगा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि कुल व्यय में पूंजीगत व्यय का हिस्सा वित्त वर्ष 22 में ज्यादा 15.5 प्रतिशत (जीडीपी का 2.9 प्रतिशत) रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 21 में 10.5 प्रतिशत (जीडीपी का 2.1 प्रतिशत) रहने का अनुमान लगाया गया है।