बाजार

सोने में पैसा लगाने वालों का लगातार बढ़ रहा मुनाफा! WGC ने कहा – अब भी बाकी है बढ़त

डब्ल्यूजीसी के मुताबिक, इस बार सोने की कीमतों में आई तेजी पहले के मुकाबले कम समय में हुई है।

Published by
पुनीत वाधवा   
Last Updated- October 16, 2025 | 12:39 PM IST

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, सोने की कीमतों में हालिया तेजी इतिहास की सबसे तेज रफ्तार में से एक है। 9 अक्टूबर को सोने की कीमत $4,000 प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गई। यह बढ़ोतरी रिकॉर्ड समय में हुई है। रिपोर्ट में कहा गया कि $3,500 से $4,000 प्रति औंस तक का सफर केवल 36 दिनों में पूरा हुआ, जबकि आमतौर पर ऐसे $500 के उछाल में करीब 1,036 दिन लगते हैं। केवल एक हफ्ते बाद ही सोना $4,200 प्रति औंस का नया रिकॉर्ड छू गया।

क्या इस बार की रैली पहले से अलग है?

डब्ल्यूजीसी के मुताबिक, इस बार सोने की कीमतों में आई तेजी पहले के मुकाबले कम समय में हुई है। पहले के दौर में सोने को ऊंचे स्तर तक पहुंचने में कई साल लगते थे। जैसे 1976 से 1980 के बीच यह सफर 856 दिनों में पूरा हुआ था, 2007 से 2011 के बीच 1,168 दिन लगे थे, और 2015 से 2020 के बीच 1,162 दिन लगे। इसके मुकाबले, इस बार सोने का भाव बहुत तेजी से और कम समय में बढ़ा है।

क्यों बढ़ रही है सोने की मांग?

इस साल सोने की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण निवेशकों की सुरक्षित निवेश की तलाश रही है। डब्ल्यूजीसी के मुताबिक, अमेरिका और यूरोप में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, डॉलर की कमजोरी, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और शेयर बाजार में संभावित गिरावट के डर ने निवेशकों को सोने की ओर मोड़ा है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी ने भी मांग को मजबूती दी है।

यह भी पढ़ें | HDFC AMC Share: Q2 में मजबूत मुनाफे के बावजूद गिरा शेयर, ब्रोकरेज हाउस बोले – लगाए रखें पैसा, टारगेट प्राइस बढ़ाया

क्या ईटीएफ निवेश ने बढ़ाई रफ्तार?

रिपोर्ट में बताया गया है कि अगस्त के बाद से गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Funds) में लगभग 21 अरब डॉलर का प्रवाह हुआ है, जिससे इस साल का कुल निवेश 67 अरब डॉलर पर पहुंच गया। मई 2024 से शुरू हुए मौजूदा ईटीएफ निवेश दौर में अब तक करीब 788 टन सोना जोड़ा गया है। डब्ल्यूजीसी का कहना है कि यह मात्रा पिछली दो बड़ी रैलियों की तुलना में सिर्फ 30 से 40 प्रतिशत ही है, इसलिए इसमें और बढ़ोतरी की संभावना बनी हुई है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अगस्त के बाद से गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Funds) में करीब 21 अरब डॉलर का निवेश हुआ है, जिससे इस साल का कुल निवेश 67 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। मई 2024 में शुरू हुए मौजूदा ईटीएफ निवेश दौर में अब तक लगभग 788 टन सोना जोड़ा गया है। डब्ल्यूजीसी कह रही है कि अभी तक गोल्ड ईटीएफ में जितना निवेश हुआ है, वह पहले के बड़े निवेश दौरों का सिर्फ 30 से 40 प्रतिशत ही है। यानी, पहले के मुकाबले अभी निवेश कम हुआ है। इसलिए आगे सोने में और निवेश बढ़ने की संभावना है, जिससे कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।

क्या बाजार में अब सुधार की संभावना है?

हालांकि डब्ल्यूजीसी ने चेतावनी दी है कि सोने की कीमतों में इतनी तेज बढ़ोतरी के बाद बाजार कुछ समय के लिए रुक सकता है या थोड़ा ठहराव आ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकी संकेत बताते हैं कि इस समय बाजार ‘ओवरबॉट’ यानी जरूरत से ज्यादा खरीदा गया है। रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 90 से ऊपर है और सोने की कीमतें अपने 200 दिन के औसत भाव से लगभग 20 प्रतिशत ज्यादा हैं। ऐसी स्थिति में कुछ निवेशक मुनाफा कमाने के लिए अपनी होल्डिंग बेच सकते हैं।

इसके अलावा, अगर वित्तीय बाजारों में पैसों की कमी या क्रेडिट की स्थिति सख्त होती है, तो निवेशक नकदी जुटाने के लिए सोना बेच सकते हैं। डब्ल्यूजीसी का यह भी मानना है कि अगर दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव कम होते हैं, तो निवेशक अपनी पूंजी सोने से हटाकर अन्य जोखिम वाले निवेशों में लगा सकते हैं, जिससे कुछ समय के लिए सोने की मांग घट सकती है।

क्या लंबी अवधि में सोना फिर भी मजबूत रहेगा?

रिपोर्ट के मुताबिक, भले ही थोड़े समय के लिए सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलें, लेकिन लंबे समय में सोने की मांग मजबूत बनी रहेगी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का कहना है कि दुनियाभर में आर्थिक अनिश्चितता, नीतियों में बदलाव और निवेशकों की सोच में विविधता के कारण सोने की कीमतों को सहारा मिलता रहेगा। संस्था ने कहा कि बाजार में थोड़ी बहुत गिरावट या उतार-चढ़ाव आ सकता है, लेकिन लंबी अवधि में निवेश बढ़ने और नीतिगत अनिश्चितता के चलते सोना एक सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश बना रहेगा।

विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?

जेफरीज (Jefferies) के ग्लोबल इक्विटी स्ट्रैटेजी हेड क्रिस्टोफर वुड ने भी निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में सोने और गोल्ड माइनिंग शेयरों में आई तेज बढ़ोतरी के बाद बाजार में थोड़ी गिरावट या सुधार आ सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर ऐसी गिरावट आती है, तो निवेशकों को इसे सोना खरीदने और अपने निवेश बढ़ाने का अच्छा मौका समझना चाहिए।

First Published : October 16, 2025 | 12:01 PM IST