भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि फिनटेक उद्योग को एक स्व-नियामकीय संगठन बनाना चाहिए। उन्होंने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फिनटेक उद्योग में बेहतरीन कार्यप्रणाली को अपनाने पर जोर दिया।
दास ने कहा, ‘मैं फिनटेक कंपनियों द्वारा खुद एक प्रभावी स्व-नियामक ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालना चाहता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘उन्हें देश के कानून के लिहाज से उद्योग की सर्वोत्तम पद्धतियों को अपनाने, गोपनीयता एवं डेटा संरक्षण मानदंड विकसित करने, गलत बिक्री से बचने के लिए मानक निर्धारित करने, नैतिक व्यापार पद्धतियों को बढ़ावा देने और मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मैं इस अवसर पर फिनटेक उद्योग से आग्रह करना चाहूंगा कि वे खुद एक स्व-नियामकीय संगठन (एसआरओ) स्थापित करें।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले ग्लोबल फिनटेक फेस्ट कार्यक्रम से पहले ऐसा कोई संगठन स्थापित कर लिया जाएगा।
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दास ने फिनटेक कंपनियों को आगाह किया कि उन्हें केवल मूल्यांकन के पीछे नहीं भागना चाहिए बल्कि ग्राहकों की संतुष्टि पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘कारोबार के डायनेमिक एवं लगातार विकसित हो रही दुनिया में राजस्व, लाभ और मूल्यांकन के पीछे भागना आसान है।’
दास ने फिनटेक परिवेश में स्थिरता और उसे भविष्य के लिहाज से तैयार होने की राह में आने वाली प्रमुख चुनौतियों को उजागर किया। दास ने कहा, ‘कभी-कभी यह भुला दिया जाता है कि किसी कारोबार की सफलता के लिए ग्राहकों की संतुष्टि और उनका भरोसा काफी मायने रखता है। मैं इसी महत्त्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करना चाहता हूं।’
दास ने कहा कि ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित करने का मतलब ग्राहकों की जरूरतों को समझते हुए नवाचार के लिए ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाना है। साथ ही इस तरह का प्रावधान करना जिससे ग्राहकों के हितों की रक्षा हो और उनका भरोसा हासिल किया जा सके।
इन दिनों ऋण देने वाले अवैध ऐप की भरमार दिख रही है और इनमें से कई तो विदेश में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के ऐप से डेटा गोपनीयता के उल्लंघन, अनैतिक व्यापार व्यवहार, अत्यधिक ब्याज दर लगाने और कठोर वसूली प्रथाओं के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं।
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दास ने कहा, ‘इससे पता चलता है कि नवाचारों के साथ विवेकपूर्ण सुरक्षा उपाय करने और जिम्मेदार व्यवहार सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है। यह भी जरूरी है कि विनियमित संस्थाएं लाइसेंसिंग शर्तों के जरिये निर्धारित दायरे में काम करें।’ दास ने कहा कि फिनटेक के लिए एक अन्य महत्त्वपूर्ण पहलू प्रशासन है।
उन्होंने कहा कि स्पष्ट प्रशासनिक ढांचा उपलब्ध कराते हुए फिनटेक कंपनियां पारदर्शिता, जवाबदेही और जिम्मेदारीपूर्ण निर्णय लेने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा सकती हैं। केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के बारे में दास ने कहा कि आरबीआई का लक्ष्य दिसंबर 2023 तक 10 लाख सीबीडीसी लेनदेन तक पहुंचना है।