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उर्वरक उद्योग भी गिरफ्त में

Last Updated- December 07, 2022 | 3:45 AM IST

पेट्रोलियम कीमतें बढ़ने से उर्वरक उद्योग के माल भाड़े में इस वर्ष 80 से 100 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।


हालांकि, ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का बहुत अधिक असर इस उद्योग पर नहीं पड़ेगा क्योंकि, उर्वरक की  75 फीसदी ढुलाई रेल के जरिए की जाती है और रेलवे मंत्रालय का डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का भार उपभोक्ताओं पर डालने का कोई इरादा नहीं है।

उर्वरक कीमतों पर प्रस्तावित नीति के अनुसार अगर उर्वरक ढुलाई के खर्चे में कोई बढ़ोतरी होती है तो इससे सरकार के खाद्य सब्सिडी बिल पर सीधा बोझ बढ़ेगा। फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई) के महानिदेशक आर सी गुप्ता के अनुसार, ‘डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 3 रुपये की बढ़ोतरी करने से माल भाड़े में 5 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।’सरकार किसानों को उर्वरक की कीमतों में बढ़ोतरी से बचाने के लिए सब्सिडी देती आई है।

First Published - June 5, 2008 | 10:34 PM IST

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