वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में भारत के 8 मुख्य बुनियादी ढांचा उद्योगों के उत्पादन की वृद्धि दर 13 माह के उच्च स्तर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जुलाई में वृद्धि दर 3.7 प्रतिशत थी। पिछले साल की समान अवधि में कम आधार के कारण ऐसा हुआ है।
अगस्त 2024 में मुख्य उद्योगों का सूचकांक (आईसीआई) गिरकर -1.3 प्रतिशत पर आ गया था। चालू वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों (अप्रैल से अगस्त) के दौरान वृद्धि 2.9 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 4.72 प्रतिशत थी।
उपक्षेत्रों के हिसाब से देखें तो कोयला क्षेत्र का उत्पादन 11.4 प्रतिशत बढ़ा है, जो जून 2024 के बाद का शीर्ष स्तर है। इसके पहले जुलाई में दो अंकों का संकुचन (-12.3 प्रतिशत) दर्ज किया गया था। आंकड़ों में स्टील के उत्पादन (14.2 प्रतिशत) ने भी प्रमुख भूमिका निभाई है, जिसमें लगातार दूसरे महीने 2 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई। अन्य घटकों जैसे रिफाइनरी उत्पाद (3 प्रतिशत), उर्वरक (4.6 प्रतिशत) ने भी इस माह तेजी दिखाई है। वहीं माह के दौरान दूसरी तरफ सीमेंट (6.1 प्रतिशत) और बिजली (3.1 प्रतिशत) का उत्पादन कम हुआ है।
हालांकि प्राकृतिक गैस (-2.2 प्रतिशत) और कच्चे तेल (-1.2 प्रतिशत) का उत्पानद क्रमशः 14वें और 8वें महीने संकुचन के क्षेत्र में बना रहा। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 8 मुख्य क्षेत्रों की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत रहती है, जो जुलाई में बढ़कर 4 माह के उच्च स्तर 3.5 प्रतिशत पर था, जबकि जून में इसकी वृद्धि दर 1.5 प्रतिशत थी। कुल मिलाकर सभी क्षेत्रों में तेजी के कारण ऐसा हुआ।
इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कम आधार के कारण प्रमुख क्षेत्र के उत्पादन की सालाना आधार पर वृद्धि दर सुधरकर अगस्त 2025 में 13 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई, जिसमें आंशिक भूमिका कोयला उत्पादन की भी रही है।
उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर अगस्त महीने में 8 क्षेत्रों में से स्टील, सीमेंट और बिजली छोड़कर 5 क्षेत्रों में प्रदर्शन सालाना आधार पर सुधरा है। इक्रा को उम्मीद है कि अगस्त महीने में आईआईपी वृद्धि दर 4.5 से 5.5 प्रतिशत के बीच रहेगी।’