भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड)के जरिये 2010 तक निर्यात 1 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है। इसी अवधि में 165 विशेष आर्थिक क्षेत्र पूरी तरह से चालू होने की संभावना भी है।
इस तथ्य की पुष्टि एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल के चेयरमैन टी वसु नेकी। वसु के मुताबिक 2010 तक 40 लाख लोगों को इस क्षेत्र से रोजगार मिलेगा। अभी भारत में 40 विशेष आर्थिक क्षेत्र में 2,66,167 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। गत साल इस क्षेत्र से 34,787 करोड़ रूपये का निर्यात हुआ था, जो पिछले साल से 52 प्रतिशत अधिक था।
भारत में अप्रैल 2000 में पहली बार सरकार द्वारा विशेष आर्थिक क्षेत्र की नीति लागू किया गया। 2007 तक 500 एसईजेड स्थापित करने की योजना थी, लेकिन 220 ही स्थापित किया जा सका।
भारत में सार्वजनिक, निजी क्षेत्र या राज्य सरकारों द्वारा एसईजेड की स्थापना की जा सकती है। देश में 8 एसईजेड के तहत 811 इकाइयां कार्यरत है। 8 एक्सपोर्ट जोन को भी एसईजेड में बदल दिया गया है। ये सारी ईकाइयां अभी पूरी तरह से कार्यरत है।
नंदीग्राम में एसईजेड स्थापित करने में स्थानीय लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बाद एक संसदीय कमिटी ने एसईजेड के तहत जमीन अधिग्रहण मामले में आवश्यक कानून लाने का सुझाव दिया। विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत और चीन को एसईजेड का बहुत बड़ा बाजार माना जा रहा है। भारत में हालांकि इसके विकास की राह को आसान बनाने के लिए थोड़े नीति निर्धारण की जरूरत है।