facebookmetapixel
50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चाE20 पेट्रोल विवाद पर बोले नितिन गडकरी, पेट्रोलियम लॉबी चला रही है राजनीतिक मुहिमभारत को 2070 तक नेट जीरो हासिल करने के लिए 10 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत: भूपेंद्र यादवGoogle लाएगा नया फीचर: ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेगा अलग-अलग विज्ञापन, ब्रांडों को मिलेगा फायदाअब ALMM योजना के तहत स्वदेशी सोलर सेल, इनगोट और पॉलिसिलिकन पर सरकार का जोर: जोशीRupee vs Dollar: रुपया 88.44 के नए निचले स्तर पर लुढ़का, एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बनीब्याज मार्जिन पर दबाव के चलते FY26 में भारतीय बैंकों का डिविडेंड भुगतान 4.2% घटने का अनुमान: S&P

सेज के जरिये निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

Last Updated- December 05, 2022 | 4:58 PM IST

भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड)के जरिये 2010 तक निर्यात 1 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है। इसी अवधि में 165 विशेष आर्थिक क्षेत्र पूरी तरह से चालू होने की संभावना भी है।


इस तथ्य की पुष्टि एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल के चेयरमैन टी वसु नेकी। वसु के मुताबिक 2010 तक 40 लाख लोगों को इस क्षेत्र से रोजगार मिलेगा। अभी भारत में 40 विशेष आर्थिक क्षेत्र  में 2,66,167 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। गत साल इस क्षेत्र से 34,787 करोड़ रूपये का निर्यात हुआ था, जो पिछले साल से 52 प्रतिशत अधिक था।


भारत में अप्रैल 2000 में पहली बार सरकार द्वारा विशेष आर्थिक क्षेत्र की नीति लागू किया गया। 2007 तक 500 एसईजेड स्थापित करने की योजना थी, लेकिन 220 ही स्थापित किया जा सका।


भारत में सार्वजनिक, निजी क्षेत्र या राज्य सरकारों द्वारा एसईजेड की स्थापना की जा सकती है। देश में 8 एसईजेड के तहत 811 इकाइयां कार्यरत है। 8 एक्सपोर्ट जोन को भी एसईजेड में बदल दिया गया है। ये सारी ईकाइयां अभी पूरी तरह से कार्यरत है।


नंदीग्राम में एसईजेड स्थापित करने में स्थानीय लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बाद एक संसदीय कमिटी ने एसईजेड के तहत जमीन अधिग्रहण मामले में आवश्यक कानून लाने का सुझाव दिया। विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत और चीन को एसईजेड का बहुत बड़ा बाजार माना जा रहा है। भारत में हालांकि इसके विकास की राह को आसान बनाने के लिए थोड़े नीति निर्धारण की जरूरत है।

First Published - March 24, 2008 | 10:21 PM IST

संबंधित पोस्ट