वाहन बीमा नियमों में बदलाव का मसौदा आया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 10:23 PM IST

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने मसौदा पेश किया है, जिसमें 2015 के उस नियम में बदलाव की बात कही गई है, जो सामान्य बीमाकर्ताओं के मोटर थर्ड पार्टी (एमटीपी) की नियत देयताओं से जुड़ा है। इसका मकसद एमटीपी बीमा की पहुंच बढ़ाने का बड़ा लक्ष्य हासिल करना है। 
नियम में बदलाव के प्रस्ताव की वजह यह है कि मौजूदा फॉर्मूले में बीमा की पहुंच का संकेत नहीं दिया गया है, जैसे सड़कों पर चलने वाले कुल वाहनों में बीमित वाहनों की संख्या। इसके अलावा इसमें हर श्रेणी के वाहनों तक बीमा की पहुंच बढ़ाया जाना सुनिश्चित नहीं किया गया है। साथ ही दीर्घावधि मोटर थर्ड पार्टी पॉलिसी के मसलों का समाधान नहीं है। 

मौजूदा नियमन ऐसे हैं कि सामान्य बीमाकर्ताओं को उनकी बाध्यताओं के बारे में वित्त वर्ष के मध्य तक जानकारी नहीं होती है, इसकी वजह से बीमाकर्ता के लिए अपनी ऑब्लिगेशन और एडवांस के बारे में योजना बनाना मुश्किल होता है। 

इसे देखते हुए नियामक ने संशोधित फॉर्मूले का प्रस्ताव किया है, जिसमें किसी वित्त वर्ष में बीमाकर्ता की देयताओं में गैर बीमित वाहनों की संख्या को ध्यान में रखा जाएगा, जिसे बीमा सूचना ब्यूरो तय करता है।
दीर्घावधि मोटर बीमा पॉलिसियों के लिए बीमाकर्ता 5/3/2 साल की क्रेडिट दोपहिया वाहनों के लिए ले सकता है, जो पॉलिसी की शेष अवधि पर निर्भर होगा। साथ ही निजी कार के लिए 3 साल का क्रेडिट ले सकता है, जो पॉलिसी की शेष अवधि पर निर्भर होगा।

नियामक ने इस पर सभी हिस्सेदारों से 25 जनवरी तक प्रतिक्रिया देने को कहा है।

First Published : January 5, 2022 | 11:36 PM IST