वित्त वर्ष 2023-24 में अब तक भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह (Direct Tax Collection) 16 प्रतिशत बढ़कर 4.75 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इससे बाहरी व्यवधानों के बावजूद राजस्व वृद्धि में निरंतरता का पता चलता है।
चालू वित्त वर्ष के आखिरी दो महीनों में कर संग्रह में तेजी आई है। कर संग्रह के अनंतिम आंकड़े जारी करते हुए वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 9 जुलाई को 15.87 प्रतिशत बढ़कर 4.75 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि के शुद्ध संग्रह से ज्यादा है। इसमें कहा गया है कि इसमें निरंतर वृद्धि जारी है।
सकल आधार पर देखें, जिसमें आमदनी और कॉर्पोरेट कर दोनों शामिल होता है तो प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.65 प्रतिशत बढ़कर 5.17 लाख करोड़ रुपये हो गया है। मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024 में अब तक प्रत्यक्ष कर संग्रह पूरे साल के संग्रह के कुल अनुमान का 26.05 प्रतिशत रहा है।
केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में 18.2 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह करेगी, जो वित्त वर्ष 23 के संशोधित अनुमान से 10.5 प्रतिशत ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कर नीतियों व अनुपालन में सुधार के कारण संग्रह बढ़ा है।
डेलॉयट इंडिया में पार्टनर सुमित सिंघानिया ने कहा, ‘यह स्थिति एक बार फिर प्रशासनिक सुधार और डिजिटल स्वीकार्यता के लाभों को दिखाती है, जैसा कि पिछले 2 साल से हुआ है।’
इस अवधि के दौरान 42,000 करोड़ रुपये रिफंड जारी किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में 2.25 प्रतिशत ज्यादा है। ज्यादा अग्रिम कर संग्रह की वजह से शुद्ध प्रत्यक्ष कर में वृद्धि नजर आ रही है। वित्त वर्ष 23-24 की पहली तिमाही में अग्रिम कर संग्रह में 13.7 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह 1,16,776 करोड़ रुपये रहा है।