अर्थव्यवस्था

शहरी उपभोक्ताओं का गिरता मनोबल, आमदनी में आई गिरावट

Consumer sentiment: ग्रामीण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के कारण पूरे सूचकांक (शहरी और ग्रामीण) में इजाफा हुआ। वर्ष 2024 में ग्रामीण उपभोक्ता धारणा उच्चतम स्तर पर रही है।

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ऐश्ली वर्गीज   
Last Updated- April 02, 2024 | 11:27 PM IST

शहरी भारत में वित्त वर्ष के अंतिम महीने में उपभोक्ताओं का मनोबल कमजोर पड़ गया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के सूचकांक में शहरी क्षेत्र की उपभोक्ता धारणा मार्च में चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। शहरी क्षेत्र की उपभोक्ता धारणा में 2023 में जबरदस्त उछाल आई थी और शहरी सूचकांक दिसंबर, 2023 में 46 माह के उच्चतम स्तर (101.83) पर पहुंच गया था। फिर इसमें लगातार तीन महीने गिरावट आई थी।

ग्रामीण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के कारण पूरे सूचकांक (शहरी और ग्रामीण) में इजाफा हुआ। वर्ष 2024 में ग्रामीण उपभोक्ता धारणा उच्चतम स्तर पर रही है। हालांकि वर्ष 2019 की तुलना में शहरी और ग्रामीण दोनों सूचकांक निचले स्तर पर रहे हैं।

मार्च 2019 की तुलना में मार्च 2024 में पूरे सूचकांक में दो फीसदी की गिरावट है। इस अवधि के दौरान शहरी परिवारों की धारणा 4.5 फीसदी कम है जबकि ग्रामीण परिवारों की धारणा 0.3 फीसद कम है। देश के सभी आय वर्गों में सुधार असंभव सा बना हुआ है।

सबसे कम आय वर्ग की आमदनी सालाना एक लाख रुपये या इससे कम है और इसमें मार्च, 2019 की तुलना में मार्च 2024 में 7.1 फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह 1 लाख से 2 लाख रुपये सालाना कमाने वालों की आमदनी में 6.4 फीसदी की गिरावट का अनुभव हुआ। हालांकि 2 लाख से 5 लाख रुपये की आमदनी वाले समूह को आमदनी में पांच फीसदी की कमी आई। इस क्रम में जिन लोगों की आमदनी 5 लाख से 10 लाख रुपये के बीच है, उनकी आमदनी में करीब 3 फीसदी की गिरावट आई।

First Published : April 2, 2024 | 11:23 PM IST