Current Account Deficit: देश के चालू खाते के घाटे (Current Account Deficit) में कमी आई है। यह चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में कम होकर सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी (GDP) का 1.2 फीसदी यानी 10.5 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को यह आंकड़े जारी किए।
चालू खाते का घाटा (CAD) बीते वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 16.8 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2 फीसदी था। जबकि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह 11.4 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.3 फीसदी रहा था।
कैड (CAD) विदेश भेजे गये धन और देश में विदेशों से प्राप्त राशि के बीच अंतर को बताता है।
नेट FDI फ्लो अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान घटकर 8.5 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान 21.6 अरब डॉलर था। हालांकि तिमाही आधार पर नेट FDI फ्लो दोगुने से ज्यादा बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 4.2 अरब डॉलर का नेट फ्लो दर्ज किया गया, जो 2022-23 की तीसरी तिमाही में 2 अरब डॉलर था।
अक्टूबर-दिसंबर (चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही जो 31 मार्च को समाप्त होती है) में विदेशी मुद्रा भंडार (BoP आधार पर) की वृद्धि 6 अरब डॉलर थी, जबकि एक साल पहले इसमें 11.1 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी।
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चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 71.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले की समान अवधि (2022-23 2022-23 की तीसरी तिमाही) में 71.3 अरब अमेरिकी डॉलर था।
सॉफ्टवेयर, व्यापार और यात्रा सेवाओं के बढ़ते निर्यात के कारण सेवा निर्यात (Services exports) में सालाना आधार पर 5.2 फीसदी की वृद्धि हुई। शुद्ध सेवा प्राप्तियों में तिमाही और सालाना आधार पर वृद्धि से चालू खाते के घाटे को कम करने में मदद मिली।
(भाषा के इनपुट के साथ)