देश के 8 प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों का उत्पादन नवंबर में 6 महीने के निचले स्तर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच गया है। इन उद्योगों को प्रमुख क्षेत्र कहा जाता है। ज्यादा आधार के असर और त्योहार की छुट्टियों के कारण ऐसा हुआ है।
अक्टूबर के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (11.7 प्रतिशत) और नवंबर के प्रमुख क्षेत्र के आंकड़ों का असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2023-24 के पहले अग्रिम अनुमान पर पड़ेगा, जो 1 फरवरी को पेश होने जा रहे वित्त वर्ष 25 के अंतरिम बजट के पहले, 5 जनवरी को जारी होना है।
शुक्रवार को जारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक रिफाइनरी उत्पादों की वृद्धि 12.4 प्रतिशत रही है, जो सितंबर से अधिक है। वहीं कच्चे तेल (-0.4 प्रतिशत) सीमेंट (-3.6 प्रतिशत) में संकुचन आया है। अन्य सभी क्षेत्रों की स्थिति देखें तो कोयला 10.9 प्रतिशत, प्राकृतिक गैस 7.6 प्रतिशत, उर्वरक 3.4 प्रतिशत, स्टील 9.1 प्रतिशत और बिजली 5.1 प्रतिशत बढ़ा है और इसमें पिछली वृद्धि की तुलना में गिरावट आई है।
बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘ज्यादा आधार का असर सीमेंट उत्पादन की राह में आया है, जिसकी वजह से वह ऋणात्मक हो गया है। आवास क्षेत्र में भी सुस्ती की यही वजह है। बिजली की वृद्धि पिछले महीने से सुस्त रहने की मुख्य वजह आधार का असर है। अन्यथा नवंबर कारोबार के लिए बेहतर रहा है।’
विश्लेषकों का मानना है कि ज्यादा आधार के असर के कारण आगामी महीनों में भी वृद्धि के आंकड़ों पर कुछ असर पड़ सकता है। दिसंबर 2022 और फरवरी 2023 के बीच प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत से 9.7 प्रतिशत के बीच रही है।