देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर फरवरी में सालाना आधार पर घटकर पांच महीने के निचले स्तर 2.9 प्रतिशत पर आ गई। इसमें गिरावट प्रमुख तौर पर आधार प्रभाव के कारण आई। हालांकि बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर जनवरी में बढ़कर 5.1 प्रतिशत हो गई थी जबकि इसकी फरवरी, 2024 में वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी में बुनियादी उद्योग की वृद्धि में क्रमिक गिरावट प्रमुख तौर पर कोयला (1.7 प्रतिशत), रिफाइनरी उत्पादों (0.8 प्रतिशत) और सीमेंट (10.5 प्रतिशत) के कारण आई थी। दूसरी तरफ बुनियादी क्षेत्रों में शामिल क्षेत्रों जैसे उर्वरक (10.2 प्रतिशत), स्टील (5.6 प्रतिशत) और बिजली के सामान (2.8 प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज हुई। हालांकि इस अवधि में कच्चे तेल में 5.2 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस में 6 प्रतिशत में अधिक गिरावट दर्ज हुई।
इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बताया कि फरवरी में बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि दर पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। इसका आंशिक कारण लीप वर्ष से जुड़ा आधार प्रभाव था। उन्होंने बताया, ‘ फरवरी 2025 में बीते साल की तुलना में आठ सूचकांकों में शामिल पांच संकेतकों कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी और सीमेंट का उत्पादन सुस्त था और यह बीते माह की तुलना में भी कम था।’
इस वित्त वर्ष की अप्रैल से फरवरी की अवधि के दौरान बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत थी जबकि यह बीते वित्त वर्ष की इस अवधि में 7.8 प्रतिशत थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बयान में बताया कि फरवरी, 2025 में सीमेंट, उर्वरक, स्टील, बिजली, कोयला और रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन सकारात्मक दर्ज किया गया था। आठ प्रमुख क्षेत्र औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27 प्रतिशत का योगदान करते हैं। आईआईपी समग्र औद्योगिक विकास को मापता है।