GST Council meeting: केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति के तहत राज्यों को मुआवजा देने को लिया गया कर्ज समय से पहले चुका सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में जीएसटी राजस्व क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों को मुआवजा देने को 2.69 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। उन्होंने बताया कि कर्ज को तय समय से चार महीने पहले नवंबर, 2025 तक चुकाया जा सकता है। बाजार से लिए गए कर्ज का पूरा भुगतान मार्च, 2026 तक किया जाना था।
अधिकारी ने कहा कि अगस्त में जीएसटी परिषद की अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है। वस्तु और सेवा कर लागू होने के बाद राज्यों के राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए मुआवजा उपकर को शुरू में पांच साल के लिए लाया गया था। क्षतिपूर्ति उपकर जून, 2022 में खत्म हो गया, लेकिन लेवी के जरिये जमा की गई राशि का उपयोग केंद्र द्वारा कोविड-19 के दौरान उधार लिए गए 2.69 लाख करोड़ रुपये के ब्याज और मूलधन को चुकाने के लिए किया जा रहा है।
जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में शनिवार को कर्नाटक ने क्षतिपूर्ति उपकर लगाने, ऋण राशि के पुनर्भुगतान और आगे की व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा उठाया था।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को उसके तहत आने वाले तीन मंत्री समूहों (जीओएम) का पुनर्गठन करना होगा। इसका कारण यह है कि 11 राज्यों के नए मंत्री शनिवार को परिषद में शामिल हो गए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि शनिवार को जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश, मिजोरम, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना और त्रिपुरा से 11 नए मंत्री शामिल हुए। जीएसटी परिषद की 52वीं बैठक 7 अक्टूबर, 2023 को आयोजित की गई थी।
परिषद में नए मंत्रियों के शामिल होने के साथ जीएसटी से राजस्व के विश्लेषण, जीएसटी के तहत रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने और जीएसटी प्रणाली में सुधार पर तीन मंत्री समूहों का पुनर्गठन किया जाएगा। जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्री समूह का फरवरी में ही पुनर्गठन किया जा चुका है। इसके संयोजक बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं, जबकि अन्य तीन के पुनर्गठन की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं हुई है।
जीएसटी से प्राप्त राजस्व के विश्लेषण पर गठित मंत्री समूह में ओडिशा से नए वित्त मंत्री को शामिल किया जाना है। ओडिशा में भाजपा ने सरकार बनाई है। हरियाणा से नए वित्त मंत्री का नाम भी परिषद में शामिल किया जाना है।
रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह का पुनर्गठन किया जाना है, क्योंकि बिहार के वित्त मंत्री बदल गए हैं।