facebookmetapixel
टायर स्टॉक पर ब्रोकरेज बुलिश, रेटिंग अपग्रेड कर दी ‘BUY’; कहा-करेक्शन के बाद दौड़ेगा शेयरVeg and Non veg thali price: अगस्त में महंगी शाकाहारी और मांसाहारी थालीफिर से दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत-चीन का होगा दबदबा! अमेरिका को मिलेगी टक्कर?त्योहारी सीजन से पहले Audi India ने दी गुड न्यूज! ₹7.8 लाख तक घटा दी कीमतें, चेक करें नई रेट लिस्टGST 2.0 में कॉम्पेंसेशन सेस हटने से डीलर्स को बड़ा नुकसान होने का खतरा, पूर्व ICAI अध्यक्ष ने सुझाया समाधानMotilal Oswal ने इस हफ्ते के लिए चुना ये धाकड़ स्टॉक, टेक्निकल चार्ट पर दे रहा पॉजिटिव संकेत; जानें टारगेट और स्टॉपलॉसCancer Vaccine: रूस ने पेश की EnteroMix कैंसर वैक्सीन, प्रारंभिक परीक्षण में 100% सफलताMutual Fund: पोर्टफोलियो बनाने में उलझन? Sharekhan ने पेश किया मॉडल; देखें आपके लिए कौन-सा सही?Gold, Silver price today: सोना हुआ सस्ता, चांदी भी तेज शुरुआत के बाद लुढ़की; चेक करें आज का भावकानपुर को स्मार्ट सिटी बनाए सरकार, बंद फैक्ट्रियों का भी आवासीय प्रोजेक्ट में हो इस्तेमाल – उद्योग जगत की योगी सरकार से डिमांड

PMLA के दायरे में CA, CS और CWA, वित्त मंत्रालय ने अधिसूचित किए नियम

Last Updated- May 04, 2023 | 10:26 PM IST
anti money laundering
BS

केंद्र सरकार ने अकाउंटेंट्स पर नजर रखने के लिए नियमों को सख्त बनाने की पहल की है। अपने नवीनतम कदम के तहत केंद्र सरकार अकाउंटेंट के वित्तीय लेनदेन जैसे कि अपनी ‘ग्राहक’ कंपनियों और न्यासों के परिचालन और प्रबंधन, कारोबारी इकाइयों की खरीद और बिक्री को धनशोधन निषेध कानून (PMLA) के दायरे में लाई है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने आज इस आशय की गजट अधिसूचना जारी की है।

नए नियम के तहत अपने ग्राहक की ओर से इस तरह का लेनदेन करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) कंपनी सचिव (CS) और कॉस्ट ऐंड वर्क अकाउंटेंट (CWA) को अब प्रत्येक निर्दिष्ट सौदा करने से पहले अपने ग्राहक को जानें (KYC) नियम का अनुपालन करना होगा। इसका मतलब यह है कि अगर अकाउंटेंट अपने ग्राहकों के पैसों का प्रबंधन करता है तो उसे रिपोर्टिंग इकाई मानी जाएगी।

पीएमएलए कानून के अंतर्गत प्रत्येक रिपोर्टिंग इकाई को सभी तरह के लेनदेन का रिकॉर्ड रखना होता है और इसकी जानकारी वित्तीय खुफिया इकाइयों को देनी होती है। इस कदम का मकसद कुछ गंभीर धोखाधड़ी की कार्यप्रणालियों पर अंकुश लगाना है जहां ऑडिटर कथित तौर पर अपने ग्राहक को धनशोधन में मदद करते हैं।

अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि ऑडिटरों को ग्राहक के धन के स्रोत सहित स्वामित्व और वित्तीय स्थिति की जांच करने के लिए कदम उठाने होंगे और निर्दिष्ट लेनदेन करने के पीछे के उद्देश्य की जानकारी देनी होगी।

वित्तीय लेनदेन को निर्दिष्ट करते हुए अधिसूचना में कहा गया है कि किसी भी अचल संपत्ति की खरीद और बिक्री जैसी गतिविधयां, कंपनियों सीमित दायित्व वाली साझेदारी या न्यास का परिचालन एवं प्रबंधन तथा व्यावसायिक इकाइयों की खरीद और बिक्री को अब पीएमएलए अधिनियम के तहत मान्यता दी जाएगी।

इसमें कहा गया है कि ग्राहक की पूंजी, प्रतिभूतियों या अन्य परिसंपत्तियों, बैंक, बचत या प्रतिभूतियों से जुड़े खाते का प्रबंधन और कंपनियों को बनाने, चलाने तथा प्रबंधन में योगदान देने वाले संगठन भी पीएमएलए के दायरे में आएंगे।

कानून में यह भी कहा गया है कि अगर किसी ग्राहक द्वारा किया गया लेन-देन संदिग्ध लगता है या इसमें अपराध की कोई प्रक्रिया शामिल है तब रिपोर्ट करने वाली संस्था को भविष्य में कारोबारी संबंधों में निगरानी बढ़ानी होगी।

यह बदलाव पीएमएलए के वर्ग 2 के उप वर्ग (1) के खंड (एसए) के उप खंड (6) में किए गए हैं जिसमें धनशोधन निषेध कानून के दायरे में आने वाले विभिन्न श्रेणी के लोगों को परिभाषित किया गया है।

कर एवं परामर्श कंपनी एकेएम ग्लोबल के कर अधिकारी अमित माहेश्वरी कहते हैं, ‘एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण सीए, सीएस और सीडब्ल्यूए द्वारा स्थापित कंपनियों जैसी सेवाएं भी पीएमएलए के दायरे में आ गई हैं। पीएमएलए कानून बेहद कठोर है और इसका अनुपालन भी मुश्किलें बढ़ाने वाला है।’

First Published - May 4, 2023 | 10:26 PM IST

संबंधित पोस्ट