भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee – MPC) की तीन दिवसीय मीटिंग 4 अगस्त से शुरू हो गई है। बिजनेस स्टैंडर्ड पोल के मुताबिक, 60% जानकारों को उम्मीद है कि इस बार RBI ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा, यानी “स्टेटस क्वो” बना रहेगा। हालांकि, सभी विशेषज्ञ मानते हैं कि RBI अपने 2025-26 (FY26) के लिए महंगाई अनुमान (Inflation Forecast) को घटा सकता है।
सर्वे में शामिल 10 में से 4 विशेषज्ञों को उम्मीद है कि RBI इस मीटिंग में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती कर सकता है। RBI ने इससे पहले जून की मीटिंग में ब्याज दर में 50 bps की कटौती की थी, जबकि फरवरी और अप्रैल में 25-25 bps की कटौती की गई थी। उससे पहले लगातार 11 बार दरें स्थिर रखी गई थीं।
SBI के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष का कहना है कि अगर RBI इस बार रेट नहीं घटाता, तो वह एक “Type-II Error” कर सकता है। इसका मतलब है – अगर RBI यह मानकर रेट नहीं घटाए कि महंगाई अस्थायी रूप से कम हुई है, और बाद में महंगाई वाकई लंबे समय तक कम बनी रहती है, तो यह एक बड़ी चूक होगी। उनका मानना है कि अगस्त में रेट कट होने से बाजार में पहले से ही त्योहारी रौनक शुरू हो सकती है, जिससे क्रेडिट ग्रोथ (लोन की मांग) को फायदा होगा।
जिन जानकारों को अगस्त में कटौती की उम्मीद नहीं है, वे मानते हैं कि अक्टूबर में अगली कटौती हो सकती है। IDFC फर्स्ट बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट गौरा सेनगुप्ता कहती हैं कि अक्टूबर तक मानसून समाप्त हो जाएगा और खाद्य महंगाई की स्थिति साफ़ हो जाएगी। इसके अलावा, Q1 FY26 का GDP डेटा भी अगस्त के अंत तक आ जाएगा, जिससे प्राइवेट कंजम्प्शन और निवेश के ट्रेंड्स समझने में मदद मिलेगी।
फाइनेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक, जून में खुदरा महंगाई (CPI) 2.1% रही, जो मई के 2.82% से कम है। यह जनवरी 2019 के बाद सबसे कम स्तर है, जब महंगाई दर 2.05% थी। यह आंकड़ा RBI के 4% के लक्ष्य से काफी नीचे है।
ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर का कहना है कि हाल के CPI आंकड़े यह दिखाते हैं कि साल की दूसरी छमाही में महंगाई और भी कम रह सकती है। इसलिए, RBI अपना FY26 का महंगाई अनुमान 3.7% से नीचे ला सकता है। हालांकि, ज्यादातर जानकार मानते हैं कि RBI 6.5% की FY26 GDP ग्रोथ अनुमान को बरकरार रखेगा। अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर बढ़ाए गए टैरिफ को लेकर कुछ जोखिम ज़रूर हैं, लेकिन विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सितंबर तक समाधान निकल सकता है।
6 अगस्त को RBI गवर्नर MPC के फैसलों का ऐलान करेंगे। अगर आप EMI या होम लोन की राहत का इंतजार कर रहे हैं, तो यह फैसला आपके लिए अहम हो सकता है।