अर्थव्यवस्था

BS Infra Summit 2025: एआई बताएगा राजमार्गों पर भूस्खलन और जलजमाव

हाल ही में एक अध्ययन किया गया है, जिससे पता चलता है कि भारत में परिवहन या लॉजिस्टिक्स की लागत 6 फीसदी घटी है।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- August 21, 2025 | 11:08 PM IST

राष्ट्रीय राजमार्गों की गुणवत्ता पक्की करने और सड़क पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए सरकार आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) का सहारा लेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि एआई के इस्तेमाल से भूस्खलन, जलजमाव और दुर्घटना की आशंका वाले इलाकों का पता लगाया जा सकेगा।

गडकरी ने कहा, ‘राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन और दुर्घटना की आशंका वाले हिस्सों और ऐसे हिस्सों का पता लगाने के लिए एआई एवं उभरती तकनीकों को आजमाया जा रहा है, जहां जलजमाव होता है और बार-बार हादसे होते हैं। हमने इसके लिए सर्कुलर पहले ही जारी कर दिया है। हम उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में खास तौर पर स्थिति सुधारना चाहते हैं। जहां भी बाढ़ आ रही है वहां भी हम पुलों तथा अन्य इमारतों की मजबूती जांचने के लिए तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।’

गडकरी ने यह जानकारी बिज़नेस स्टैंडर्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर समिट 2025 के दौरान ‘बुनियादी ढांचे पर भारत का दृष्टिकोण’ सत्र के दौरान चर्चा में दी। सड़कों की गुणवत्ता और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के सरकार के प्रयासों पर पूछे सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता का उन्हें बहुत अधिक ख्याल है और इस पर वह कोई समझौता नहीं करेंगे।  उन्होंने कहा, ‘मुझे इसका बहुत ध्यान है। चूक करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ मैं सख्त कार्रवाई कर रहा हूं। मैं उन्हें ब्लैकलिस्ट कर रहा हूं, जुर्माना लगा रहा हूं और आपराधिक मुकदमे तक करा रहा हूं। मैं गुणवत्ता के मामले में कुछ भी बरदाश्त नहीं करूंगा। मगर कई बार वास्तव में समस्या होती हैं।’

मंत्री ने राहवीर योजना के बारे में भी बताया, जिसमें सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों की मदद करने वालों को सम्मानित और पुरस्कृत किया जाता है। ये लोग ‘गोल्डन आवर’ (दुर्घटना के बाद का वह समय, जिसमें चिकित्सा मिलने पर व्यक्ति के बचने की संभावना बहुत अधिक होती है) में इलाज दिलवाने और शिकार व्यक्ति को अस्पताल आदि पहुंचाने में मदद करते हैं। इस दुर्घटना से हादसों में होने वाली मौतें कम की जा सकेंगी और नागरिकों के लिए सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा, ‘कोई आम आदमी हादसे के शिकार किसी व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाता है तो हम उसे 25,000 रुपये पुरस्कार दे रह हैं। हम जिंदगियां बचाना चाहते हैं।’

परिवहन पर खर्च 

गडकरी ने भरोसा जताया कि इस साल दिसंबर के अंत तक भारत में परिवहन की लागत घटकर एक अंक में रह जाएगी। अभी यह 16 फीसदी है। इसमें तेज कमी से दुनिया भर के बाजारों में निर्यात करने में भारत दूसरे देशों को टक्कर दे सकेगा।

उन्होंने कहा, ‘हाल ही में एक अध्ययन किया गया है, जिससे पता चलता है कि भारत में परिवहन या लॉजिस्टिक्स की लागत 6 फीसदी घटी है। मुझे भरोसा है कि दिसंबर के आंत तक यह घटकर एक अंक में रह जाएगी। इससे हमारा निर्यात बढ़ेगा। 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए अच्छा बुनियादी ढांचा जरूरी है।’ उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारत में यह लागत दूसरे विकसित देशों जैसे चीन (8 फीसदी), अमेरिका (12 फीसदी) और यूरोप (12 फीसदी) की लॉजिस्टिक्स लागत के बराबर हो जाएगी।

बुनियादी ढांचा विकास 

गडकरी ने कहा कि देश के विकास के लिए बुनियादी ढांचे का विकास बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि पानी, बिजली, परिवहन और संचार की अच्छी व्यवस्था के बगैर हम उद्योग और पूंजी निवेश नहीं ला सकते। ऐसी हालत में रोजगार के मौके कम होंगे और गरीबी के खिलाफ जंग में दिक्कत आएगी।

उन्होंने कहा, ‘जहां भी हम सड़कें बना रहे हैं, वहां औद्योगिक क्लस्टर, लॉजिस्टिक्स पार्क और रियल एस्टेट तैयार हो रहे हैं। उदाहरण के लिए हाल में शुरू हुए द्वारका एक्सप्रेसवे के कारण करीब 8-10 लाख करोड़ रुपये का रियल एस्टेट तैयार हुआ है।’

मंत्री ने वैश्विक स्तर का बुनियादी ढांचा और सड़क बनाने के साथ ही कम प्रदूषण के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर का जन परिवहन तैयार करने के अपने सपने की भी बात की। उन्होंने कहा, ‘मेरे पास रोपवे केबल कार, हाइपरलूप और स्काई बस के प्रस्ताव आए हैं। हम वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन पर काम कर रहे हैं। लोगों को प्रदूषण और खास तौर पर वायु प्रदूषण से बचाना मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती है। मेरा मिशन भारत में जीवाश्म ईंधन (तेल-गैस आदि) का आयात बंदकरने तथा जैव ईंधन तैयार करना है।’

निजी निवेश की राह

संसाधनों की बात करते हुए गडकरी ने कहा कि उनके लिए धन जुटाना नहीं बल्कि संसाधन खर्च करना असली चुनौती है। उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) बॉन्ड का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके जरिये कुछ ही घंटों में जरूरी रकम जुटा ली गई और बॉन्ड ओवरसब्सक्राइब भी हो गया।  उन्होंने कहा, ‘मेरी हर परियोजना व्यावहारिक है। असली चुनौती उसे व्यवस्था से होकर आगे बढ़ाना है। भूमि अधिग्रहण और हरी झंडी चुनौती हैं मगर हम उन पर लगातार काम कर रहे हैं और सभी हितधारकों के साथ बैठक कर रहे हैं।’

बड़ी उपलब्धि 

गडकरी ने बतौर मंत्री खरबों रुपये के राजमार्ग और एक्सप्रेसवे बनवाए मगर लाखों रिक्शा चालकों और ठेला चालकों को मशीन से चलने वाले रिक्शा देकर मानव शोषण के चंगुल से मुक्त कराना भी उन्हें अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि लगती है। उन्होंने कहा, ‘मेरे शहर और देश के अनेक हिस्सों में रिक्शा चालक थे।

First Published : August 21, 2025 | 11:03 PM IST