कर्ज की कमी के दबाव से जूझ रहे भारतीय उद्योग जगत ने सीआरआर में और एक फीसदी की कटौती करने के रिजर्व बैंक के निर्णय का स्वागत किया है।
हालांकि उद्योग जगत ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक को बाजार का विश्वास बहाल करने के लिए ब्याज दरों में कटौती जैसे और कदम उठाने की जरूरत है। फिक्की ने उक्त कदम का स्वागत करते हुए कहा कि रेपो दर में भी डेढ़ फीसदी की कटौती की जरूरत है।
फिक्की ने कहा, निवेश को बढ़ावा देने के लिए जिससे रोजगार और मांग बढ़ सके ब्याज दरों में कटौती बहुत आवश्यक है। ऊंची ब्याज दरों से उद्योग पहले ही काफी प्रभावित हो चुका है।
फिक्की के विचारों से सहमति जताते हुए एसोचैम के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने कहा, ऐसे समय में आरबीआई को बेंचमार्क उधारी दर में भी कमी पर विचार करना चाहिए जिससे बैंकिंग तंत्र में पर्याप्त तरलता सुनिश्चित की जा सके।