केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर (एनएमएचसी) के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस परियोजना का मकसद भारतीय समुद्री धरोहर और इतिहास को प्रदर्शित करना है। अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना पर काम चल रहा है और नियमित रूप से सरकार की ओर से उच्च स्तरीय निगरानी होती है। परियोजना के फेज 1ए पर काम चल रहा है और 60 प्रतिशत काम हो चुका है और इसे 2025 तक पूरा किए जाने की योजना है।
मंत्रिमंडल के एक बयान में कहा गया है, ‘परियोजना के फेज 1ए और 1बी को ईपीसी मॉडल पर विकसित किया जा रहा है और फेज-2 को जमीन पट्टे पर देकर/पीपीपी के माध्यम से विकसित किया जाएगा, जिससे एनएचएमसी को वैश्विक स्तर का धरोहर संग्रहालय बनाया जा सके।’
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एनएमएचसी परियोजना के विकास में लगभग 22,000 नौकरियों के सृजन की उम्मीद है। इसमें 15,000 प्रत्यक्ष रोजगार और 7,000 अप्रत्यक्ष रोजगार होंगे। एनएमएचसी की निर्माण योजना प्रसिद्ध वास्तु फर्म हफीज कॉन्ट्रैक्टर ने तैयार की है।
चरण 1ए का निर्माण कार्य टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को सौंपा गया है। लाइटहाउस ऐड लाइटशिप महानिदेशालय, लाइटहाउस म्यूजियम के लिए धन मुहैया कराएगा। इस पर काम भी आगामी चरणों में होगा। मास्टरप्लान में भारतीय नौसेना और तटरक्षक दीर्घा भी शामिल है। दूसरे चरण में तटीय राज्यों के मंडप, आतिथ्य क्षेत्र, लोथल शहर से संबंधित मनोरंजन, समुद्री संस्थान और छात्रावास तथा 4 थीम आधारित पार्क होंगे।