सरकार चालू वित्त वर्ष में नैशनल इन्वेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) के ऋण प्लेटफॉर्म में इक्विटी निवेश के तौर पर 2,000 करोड़ रुपये डालेगी। इस महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रोत्साहन पैकेज के हिस्से के तौर पर इसके लिए 6,000 करोड़ रुपये की घोषणा की थी। यह रकम उसी का हिस्सा है।
कुल धन के एक तिहाई के लिए आज मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। यह रकम इस कोष में इस साल तभी डाली जा सकती है जब इसका इस्तेमाल करने की क्षमता हो, क्योंकि सरकार संसाधन के संकट से गुजर रही है। बाकी रकम 2021-22 में दी जाएगी।
6,000 करोड़ रुपये की कुल इक्विटी निवेश के साथ दूसरे कोषों की मदद से इस प्लेटफार्म के पास 2025 तक करीब इतनी रकम होगी कि वह 1.1 लाख करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को रकम मुहैया करा सके जिससे अपेक्षाकृत महंगे बैंक वित्त की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इससे प्लेटफॉर्म को घरेलू और वैश्विक पेंशन, बीमा और सॉवरिन धन कोषों से भी 7,000 करोड़ रुपये तक की इक्विटी जुटाने में मदद मिलेगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इक्विटी निवेश फंडों का तेजी से इस्तेमाल करने के लिए एनआईआईएफ सभी जरूरी कदम उठाएगी।
एनआईआईएफ स्ट्रैटेजिक अपॉरच्युनिटीज फंड ने एक एनबीएफसी इन्फ्रा डेट फंड (आईडीएफ) और एक एनबीएफसी इन्फ्रा फाइनैंस कंपनी को मिलाकर डेट प्लेटफॉर्म स्थापित किया है। एनआईआईएफ अपने स्ट्रैटेजिक अपॉरच्युनिटीज फंड (एनआईएफ एसओएफ) के जरिये दोनों कंपनियों में बहुलांस हिस्सेदारी रखती है और उसने पहले ही 1,899 करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है।
जावडेकर ने कहा कि एसओएफ फंड के जरिये अन्य समुचित निवेश अवसरों में निवेश किए जाने के साथ ही दोनों कंपनियों को सहायता प्रदान किया जाना जारी रहेगा। एसओएफ के जरिये ही एनआईआईएफ के निवेश किए गए हैं।
एनआईआईएफ की कंपनियों में से एक असीम इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस लिमिटेड (एआईएफएल) परिचालन के एक वर्ष से भी कम समय में प्रमुखता से निर्माणाधीन, नई और पुरानी परिसंपत्तियों पर ध्यान देगी। ऋण वित्त प्लेटफॉर्म के पास अपनी संस्थानिक मूल्यांकन प्रणाली होगी जिससे रकम को तेजी से निवेश करने में मदद मिलेगी।
एनआईआईएफ की एक अन्य कंपनी एनआईआईएफ इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस लिमिटेड (एनआईआईएफ-आईएफएल) परिपक्व परिचालन परिसंपत्तियों के लिए सहायक कंपनी के तौर परिचालन करेगी।
यह बुनियादी ढांचा निवेशकों को उच्च लागत वाले बैंक वित्त की जगह सस्ता आईडीएफ वित्त मुहैया कराने में मदद करेगी। राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन के अगले पांच वर्ष में ऋण वित्त प्लेटफॉर्म संभावित तौर पर 1 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी परियोजनाओं के निर्माण में मददगार साबित हो सकते हैं।
यह बुनियादी ढांचा क्षेत्र में और अधिक निवेश जुटाने में उत्प्रेरक के तौर पर काम कर सकता है। भारत में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को विशेष उद्देश्य कंपनी के जरिये पूरा किया जाता है।
