अर्थव्यवस्था

GST 2.0 में भी 18% टैक्स स्लैब बना रहेगा रेवेन्यू का ‘किंग’

GST 2.0: 5% टैक्स स्लैब कुल जीएसटी रेवेन्यू में लगभग 7% का योगदान देता है, जबकि 18% स्लैब का योगदान 65% है।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- August 18, 2025 | 4:26 PM IST

GST 2.0: केंद्र सरकार ने जीएसटी स्ट्रक्चर में 2 टैक्स स्लैब और 40% की विशेष दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। यदि इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है, तो 18% टैक्स स्लैब जीएसटी रेवेन्यू में अहम योगदानकर्ता बना रहेगा। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से यह जानकारी दी।

फिलहाल, वस्तु एवं सेवा कर (GST) स्ट्रक्चर में 4 टैक्स स्लैब है। यह टैक्स स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% हैं। खाद्य और आवश्यक वस्तुएं या तो टैक्स फ्री हैं या 5% के दायरे में रखा गया है, जबकि लग्जरी और सिन प्रोडक्ट्स पर सबसे ज्यादा 28% की दर से टैक्स लगाया जाता है।

5% टैक्स स्लैब कुल जीएसटी रेवेन्यू में लगभग 7% का योगदान देता है, जबकि 18% स्लैब का योगदान 65% है। 12% और 28% स्लैब जीएसटी कलेक्शन में क्रमशः लगभग 5% और 11% का योगदान देते हैं।

Also Read: GST Reforms: GST दरों में कटौती से त्योहारी सीजन में सस्ते हो सकते हैं AC, कीमतों में ₹2,500 तक कमी संभव

5% और 18% के होंगे 2 टैक्स स्लैब

केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्रियों के समूह को ‘मेरिट’ और ‘स्टैंडर्ड’ वस्तुओं और सेवाओं के लिए 5% और 18% और लगभग 5-7 वस्तुओं के लिए 40% की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव के अनुसार मौजूदा 12% और 28% टैक्स स्लैब को खत्म कर दिया जाएगा।

एजेंसी के मुताबिक, “केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार, 18% टैक्स स्लैब जीएसटी रेवेन्यू में सबसे बड़ा हिस्सेदार बना रहेगा। हमें उम्मीद है कि इससे मात्रा बढ़ेगी और खपत बढ़ेगी, जिससे जीएसटी रेवेन्यू को मौजूदा स्तर से बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।”

कम होगी टैक्स की दरें

एक बार जब वस्तुओं और सेवाओं को ‘मेरिट’ और ‘स्टैंडर्ड’ के रूप में बांट दिया जाएगा, तो 12% की कैटेगरी में आने वाली 99% वस्तुओं पर 5% की दर से टैक्स लगेगा और बाकी रह गए वस्तुओं और सेवाओं पर 18% की दर से टैक्स लगाया जाएगा। इसके अलावा, 28% की कैटेगरी में आने वाली 90% वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स की दर 18% हो जाएगी और केवल 5-7 वस्तुओं पर ही 40% की दर से टैक्स लगेगा।

Also Read: दिवाली से पहले PM मोदी का गिफ्ट! स्मॉल कार और इंश्योरेंस प्रीमियम पर घट सकता है GST

औसत मासिक जीएसटी कलेक्शन वित्त वर्ष 2022 के 1.51 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

जीएसटी 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। इसमें एक दर्जन से अधिक स्थानीय शुल्क और उपकर शामिल है। रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 2017 में 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ से ज्यादा हो गई है।

(PTI इनपुट के साथ)

First Published : August 18, 2025 | 4:21 PM IST