वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारत अपने मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में डेरी और सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यम (एमएसएमई) जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की लगातार सुरक्षा करता है। गोयल ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच प्रस्तावित एफटीए पर जारी वार्ता में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई है।
उन्होंने ऑकलैंड में संवाददाताओं से कहा, ‘भारत कभी भी डेरी, किसानों और एमएसएमई के हितों से समझौता नहीं करता है। हम हमेशा इन संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की सुरक्षा करते हैं। हम ऐसे मुद्दों को नहीं छूते हैं।’
न्यूजीलैंड विश्व में प्रमुख डेरी उत्पादक का देश है। न्यूजीलैंड कृषि उत्पादों और बीयर अल्कोहल उत्पादों की पहुंच को लेकर दबाव डाल रहा है। हालांकि भारत ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील दूध और मक्खन सहित डेरी उत्पादों को लेकर ‘लाल रेखा’ खींच रखी है। दोनों देशों ने व्यापार समझौते में एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करने पर सहमति जताई है।
दोनों देश शुल्कों से परे जा रहे हैं और एफटीए वार्ता में भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को सुधारने के लिए बातचीत कर रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के दल के साथ गोयल एफटीए वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए न्यूजीलैंड की यात्रा पर हैं। अभी दोनों देशों के बीच चौथे दौर की बातचीत जारी है।
भारत और न्यूजीलैंड ने 10 साल के अंतराल के बाद ‘समग्र और द्विपक्षीय रूप से लाभदायक’ मुक्त व्यापार समझौते को शुरू करने की घोषणा मार्च में की थी। दोनों देशों ने 15 साल पहले पहल की थी लेकिन 10 दौर की बातचीत के बाद बातचीत रुक गई थी। दोनों देशों के बीच फरवरी 2015 के बाद से कोई औपचारिक दौर की बातचीत नहीं हुई है।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने ऑकलैंड में मीडिया को बताया कि लोगों के बीच आपसी संबंध और श्रम गतिशीलता बातचीत का बहुत ही महत्त्वपूर्ण हिस्सा होंगे और भारत व न्यूजीलैंड के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते का भी एक हिस्सा होंगे