संकट में फंसी जापान की इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी विनिर्माता तोशीबा (Toshiba) ने जापान इंडस्ट्रियल पार्टनर्स का 15 अरब डॉलर का निविदा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।
यह पुनर्खरीद कोष प्रमुख बैंकों और कंपनियों की मदद से बनाया गया है। प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो इससे तोशीबा के निजीकरण और उसके तोक्यो शेयर बाजार की सूची से हटने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि तोशीबा के शेयरों में बड़ी हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों की है और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे इस निविदा को स्वीकार करेंगे या नहीं।
तोशीबा कॉर्प ने घोषणा की है कि उसके निदेशक मंडल ने 36 डॉलर प्रति शेयर की निविदा स्वीकार की है। पुनर्खरीद से तोशीबा का व्यापार जापानी साझेदारों के साथ जापान का ही बना रहेगा। जापान इंडस्ट्रीयल पार्टनर्स की स्थापना 2002 में जापान की कंपनियों के पुनर्गठन के लिए की गई थी। यह करीब 20 जापानी कंपनियों का संघ है और इसने सोनी, हिताची, ओलंपस और एनईसी जैसी बड़ी कंपनियों में निवेश किया है।
तोशीबा हाल के वर्षों में निजीकरण के कई प्रयास कर चुकी है लेकिन इसे तीन या दो कंपनियों में विभाजित करने के प्रस्ताव शेयरधारकों ने खारिज कर दिए। तोशीबा में संकट 2015 में शुरू हुए जब कई साल तक बहीखातों से छेड़छाड़ होने की बात सामने आई।