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दोबारा सोचेंगे कि भारत सही बाजार या नहीं: Ace Aviation

चैलेंज ग्रुप के मुख्य निवेश अधिकारी माइकल कोइश ने कहा, ‘हमारा भारतीय न्यायिक प्रणाली में विश्वास है और सौदे को अंतिम रूप देने के लिए हमें अन्य पक्षों के सहयोग की जरूरत है।

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भाविनी मिश्रा   
Last Updated- June 17, 2024 | 10:28 PM IST

तीन बोइंग बी777 विमानों के अधिग्रहण के लिए जेट एयरवेज (Jet Airways) से लड़ रही एस एविएशन (Ace Aviation) ने आज बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अगर सौदा नहीं होता है तो उन्हें इस पर दोबारा सोचना पड़ेगा कि भारत उनके लिए सही बाजार है भी या नहीं।

चैलेंज ग्रुप के मुख्य निवेश अधिकारी माइकल कोइश ने कहा, ‘हमारा भारतीय न्यायिक प्रणाली में विश्वास है और सौदे को अंतिम रूप देने के लिए हमें अन्य पक्षों के सहयोग की जरूरत है। हालांकि हमारे खासे निवेश और प्रयास के बावजूद अगर यह सौदा नहीं होता है तो हमें इस बात पर फिर से विचार करना होगा कि क्या भारत हमारे लिए सही बाजार है।’ चैलेंज ग्रुप माल्टा स्थित एस एविएशन की मूल कंपनी है।

कोइश ने कहा कि उन्होंने वैकल्पिक विमानों के लिए अन्य संभावित विक्रेताओं से संपर्क किया है क्योंकि इन वाइड-बॉडी विमानों को मालवाहक विमानों में तब्दील करने की समयसीमा 2025 की शुरुआत में आ रही है।

उन्होंने कहा, ‘साल 2025 की शुरुआत में हमारे निर्धारित रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) स्लॉट के लिए समय पर बी777 विमान खरीदने में यह देरी हमारे लिए बड़ी चुनौती पेश करेगी। हम यात्री विमानों को मालवाहक में तब्दील करने के लिए इन स्लॉट का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगर खरीद में यह देरी हमारी अनुमानित समयसीमा से आगे बढ़ती है तो हमें तुरंत ही वैकल्पिक बी777 विमान तलाशने होंगे। हम बाजार में संबंधित 777-300 ईआर के अवसरों का पता लगाने के लिए पहले ही कुछ संभावित विक्रेताओं से संपर्क कर चुके हैं।’

एमआरओ ऐसी सुविधाएं होती हैं, जो सुनिश्चित करती हैं कि विमान का रखरखाव है और वे उड़ान की स्थिति में हैं। एस के लिए विमान को मालवाहक में बदलने का काम इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज करेगी। इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने एस के पक्ष में फैसला दिया था। लेकिन उसे विमान खरीदने में दिक्कत हो रही है।

First Published : June 17, 2024 | 10:04 PM IST