पैट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने अभी और ईंधन नही खरीदने का फैसला किया है। यह कंपनी देश में तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की सबसे बड़ी खरीदार है। कंपनी के मुताबिक आयात टर्मिनल पर अभी जुलाई तक के लिए पर्याप्त मात्रा में ईंधन मौजूद है। कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रसाद दास गुप्ता ने बताया कि अगस्त से तुरंत ही ईंधन खरीद शुरु कर दी जाएगी । उन्होंने कहा कि अगस्त में ही दाहेज एलएनजी टर्मिनल स्पॉट कार्गों को रखने के लिए विस्तार भी करेगा।
कंपनी भारत के पश्चिमी तटों पर बड़े जहाजों को रखने के लिए अपनी क्षमता दोगुनी करना चाहती है। इस साल के अंत तक कंपनी दाहेज टर्मिनल की सालाना क्षमता को 100 लाख मिट्रीक टन करेगी। दासगुप्ता ने बताया कि कंपनी कोच्चि में भी 25 लाख टन क्षमता का एक टर्मिनल बनाना चाहती है। उन्होंने बताया कि अगस्त से दाहेज के विस्तार का काम शुरु हो जाएगा और पिछले महीने ही कंपनी ने कोच्चि के लिए निर्माण के ठेके भी दे दिए हैं। कंपनी को गैस आपूर्ति कतर से होती है। पिछले साल कंपनी ने कतर से अपनी सामान्य खरीद के साथ ही अतिरिक्त 26 कार्गों भी मंगाए थे। पैट्रोनेट और कतर की कंपनी रास लाफेन लिक्वीफाइड नैचुरल गैस कंपनी के साथ कई सालों तक ईंधन आपूर्ति का अनुबंध है। इस अनुबंध के तहत रासगैस कंपनी को सालाना 75 लाख टन गैस की आपूर्ति करेगी। अभी कंपनी मात्र 50 लाख टन सालाना ही मंगाती है। लेकिन अगले साल से कंपनी अपनी मांग बढाएगी। दासगुप्ता ने कहा कि इन सबके साथ ही रास गैस उनकी कंपनी को दाभोल स्थित संयंत्र के लिए 2007-2009 के बीच 15 लाख टन गैस कीसालाना आपूर्ति भी करेगी। दाभोल स्थित पैट्रोनेट का यह संयंत्र देश में गैस से चलने वाला सबसे बड़ा संयंत्र होगा। पैट्रोनेट एलएनजी ने जून 2006 में ही हाजिर बाजार से ईंधन खरीदना शुरु किया था और उसी साल 6 कार्गो भी खरीदे थे। प्रत्येक शिपमेंट में लगभग 50 हजार टन से 60 हजार टन के बीच एलएनजी (तरल प्राकृतिक गैस) होती है। एलएनजी एक प्रकार की गैस है जिसे तरल किया जाता है । इसे तरल कर बिना किसी पाइपलाइन के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है।