ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने अपने सबसे बड़े निवेशक इन्वेस्को द्वारा फरवरी में किए गए विलय सौदे पर चुप्पी और कंपनी प्रशासन में कमी का हवाला देते हुए कंपनी के बोर्ड में बदलाव की मांग को लेकर गुरुवार को सवाल उठाया।
ज़ी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी पुनीत गोयनका ने एक पत्र में पूछा है कि इन्वेस्को उस समय क्यों चुप थी जब एक निवेश बैंकर के तौर पर उसकी भूमिका को लेकर असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाई गई थी। उन्होंने कहा, ‘क्या अच्छा कंपनी प्रशासन केवल कंपनियों पर लागू होता है और उसके संस्थागत निवेशकों पर नहीं? कानून का पालन करने वाले एक नागरिक एक और जिम्मेदार कॉरपोरेट नागरिक के प्रतिनिधि होने के नाते मुझे भारतीय न्यायिक एवं नियामकीय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। इसलिए मुझे विश्वास है कि हम सब के लिए इन सवालों के जवाब दिए जाएंगे।’
गोयनका ने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी अपने लाभ के लिए कंपनी के आंतरिक मूल्य को खराब नहीं करेगा और वह सभी शेयरधारकों एवं व्यापक व्यक्तिगत कीमत पर इसे जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘इस स्थिति में यह एक बनाम दूसरे का मुद्दा नहीं है। कंपनी के शेयरधारक और प्रबंधन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। वे साथ मिलकर सिक्के का मूल्य बढ़ाने की कोशिश करते हैं ताकि उसका लाभ सभी शेयरधारकों को मिले और कंपनी को फायदा हो। बोर्ड के मार्गदर्शन में और हमारे वकील की सलाह पर मैं ज़ी और उसके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाता रहूंगा।’
ज़ी में इन्वेस्को की 18 फीसदी हिस्सेदारी है। इन्वेस्को ज़ी के बोर्ड से गोयनका को हटाने और अपने छह निदेशकों को बोर्ड में शामिल कराना चाहती है जिसे लेकर विवाद जारी है। ज़ी द्वारा यह खुलासा किए जाने पर कि इन्वेस्को एक रणनीतिक निवेशक के साथ विलय सौदा करना चाहती थी जिससे ज़ी के शेयरधारकों को कुल मिलकर 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता था, इन्वेस्को ने कहा कि वह रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्वामित्व वाली कंपनियों के बीच विलय के लिए महज एक फैसिलिटेटर थी।
गोयनका ने कहा, ‘बोर्ड से बातचीत के दौरान के दौरान मैंने इन्वेस्को से मिले प्रस्ताव से संबंधित बिंदुओं पर जोर दिया था। मेरा ध्यान मूल्यांकन में दिखने वाले असंतुलन पर था और किस प्रकार वह हमारे शेयरधारकों के हितों के अनुकूल नहीं था। उस प्रस्ताव से सहमत न होने का मेरे लिए एकमात्र कारण यह था कि उसमें शेयरधारकों के मूल्य के साथ समझौता किया गया था। मैं ज़ी के आंतरिक मूल्य को संरक्षित करने और शेयरधारकों को रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए किसी भी दबाव का सामना करने के लिए तैयार हूं।’
गोयनका की कंपनी में 4 फीसदी हिस्सेदारी है।