सारी दुनिया आर्थिक मंदी के मंडराते बादलों की वजह से हैरान परेशान है लेकिन भारतीय कॉरपोरेट जगत पर इसका खास असर नजर नहीं आ रहा।
घरेलू और बहुदेशीय कंपनियों के विस्तार कार्यक्र म जहां इस नरमी से अछूते हैं वहीं इंडिया इंक की ऑर्डर पुस्तिका में 90.7 फीसदी की इजाफा भी इस ओर इशारा करता है कि भारतीय कॉरपोरेट जगत की झोली अब भी भारी है। वित्तीय वर्ष 2007-08 के दौरान इंडिया इंक ऑर्डर पुस्तिका ने 1,42,169 करोड़ के आंकड़े को छू लिया। इस साल कॉरपोरेट जगत को मिलने वाले ऑर्डर में करीब 35 फीसदी की वृध्दि हुई।
बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़े पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि कुल ऑर्डर में से 76 फीसदी निर्माण क्षेत्र, बिजली, तेल और गैस व इंजीनियरिंग क्षेत्र के हिस्से में गए। निजी कंपनियों ने 37 फीसदी ऑर्डर बुक किए जबकि विदेशी कंपनियों ने 25 फीसदी ऑर्डर दिए। केन्द्र और राज्य सरकारों से 38 फीसदी ऑर्डर मिले हैं।
भारतीय कंपनियों ने निजी कंपनियों से 57,043 करोड़ रुपये के ठेके हासिल किए हैं जबकि राज्य सरकारों से 41,977 करोड़ रुपये के। विदेशी कंपनियों ने भारतीय कंपनियों को 38,958 करोड़ के ठेके दिए और सरकारी नियंत्रण वाली कंपनियों ने 14,517 करोड़ रुपये के ठेके दिए हैं।
भारत में निर्माण क्षेत्र इस समय उफान पर है और कुल ऑर्डर में से 41 फीसदी इसी क्षेत्र की झोली में गए हैं। इसका कु ल दाम करीब 61,933 करोड़ रुपये बैठता है। ऊर्जा क्षेत्र को 25,555 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले और इसके बाद स्थान रहा तेल और गैस सेक्टर का जिसे 15,302 करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल किए। इंजीनियरिंग क्षेत्र को 12,494 करोड़ रुपये के, धातु उद्योग को 8,791 करोड़ रुपये के और शिपिंग कंपनियों को 5,727 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले।
आंकड़ों के मुताबिक देश की सर्वश्रेष्ठ दस कंपनियों में शामिल हैं लार्सन और टुब्रो(एलऐंडटी), डीएलएफ, भेल, पुंज लॉयड, सिंप्लेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर, नागार्जुन कंस्ट्रक्शन, आईवीआरसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस एनर्जी, एबीजी शिपयार्ड और एचसीसी। इन कंपनियों ने कुल मिलाकर 78,291 करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल किए हैं जो कुल मिले ऑर्डरों का 55 फीसदी हैं।
लार्सन ऐंड टुब्रो इस सूची की सर्वश्रेष्ठ कंपनी है जिसे वित्तीय वर्ष 2008-09 के दौरान 23,234 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले। इसमें 11,750 करोड़ के विदेशी ऑर्डर शामिल हैं।
दूसरा स्थान रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनी डीएलएफ को मिला है जिसने 12,675 करोड़ रुपये के ऑर्डर झटके वहीं 10,475 ऑर्डर के साथ भेल इस सूची में तीसरे स्थान पर है और 7,795 ऑर्डर के साथ पुंज लॉयड चौथे पायदान पर है। इंडिया इंक के आंकड़े यह भी बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2008 की दूसरी और चौथी तिमाही में ऑडरों की संख्या दोगुनी हो गई।