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सैटेलाइट कम्युनिकेशन की दौड़ में कूदी Voda-Idea, AST SpaceMobile के साथ की साझेदारी

नैस्डैक पर सूचीबद्ध यह कंपनी वर्तमान में पहला और एकमात्र अंतरिक्ष आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क बना रही है, जो रोजमर्रा वाले स्मार्टफोन के जरिए सीधे सुलभ होगा।

Last Updated- June 18, 2025 | 11:06 PM IST
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वोडाफोन आइडिया (वी) ने भारत में उपग्रह आधारित संचार सेवा प्रदान करने के लिए अमेरिका की एएसटी स्पेसमोबाइल के साथ साझेदारी का आज ऐलान किया। नैस्डैक पर सूचीबद्ध यह कंपनी वर्तमान में पहला और एकमात्र अंतरिक्ष आधारित सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क बना रही है, जो रोजमर्रा वाले स्मार्टफोन के जरिए सीधे सुलभ होगा।

एएसटी स्पेसमोबाइल ने पिछले साल जुलाई में ब्लूबर्ड 1-5 नामक मिशन के तहत अंतरिक्ष में पहली बार पांच उपग्रह लॉन्च किए थे। इसके बाद से उसने कथित तौर पर अगले 6 से 9 महीने में 5 लॉन्च के तहत 60 और उपग्रह भेजने की योजना का खुलासा किया है। यह अमेरिका में देशव्यापी गैर-निरंतर सेवा प्रदान करती है, जिसमें प्रीमियम लो-बैंड स्पेक्ट्रम में 5,600 से अधिक सेल्यूलर हैं और उसकी योजना प्रोसेसिंग बैंडविड्थ में 10 गुना वृद्धि की है।

समझौते के तहत वी स्थलीय नेटवर्क एकीकरण, ऑपरेटिंग स्पेक्ट्रम और बाजार पहुंच पर नजर रखेगी, जबकि एएसटी स्पेसमोबाइल प्रणाली को ताकत देने वाले उपग्रहों के समूह का विकास, निर्माण और प्रबंधन करेगी। वी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘यह सहयोग वैश्विक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की सीमा बनने को तैयार है और दोनों कंपनियां कनेक्ट करने के लिए डेटा तथा ऐप्लिकेशन का उपयोग करेंगी। इसके साथ ही वी और एएसटी स्पेसमोबाइल उपभोक्ता, उद्यम और आईओटी सहित विविध क्षेत्रों के लिए वाणिज्यिक पेशकशों की तलाश और उन पर अमल शुरू करेंगी।’

यह नवीनतम गठजोड़ निजी क्षेत्र की तीसरी और अंतिम दूरसंचार कंपनी के आधिकारिक तौर पर उपग्रह संचार की बढ़ती दौड़ में प्रवेश करने का संकेत देता है। मार्च में, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों के लिए भारत में स्टारलिंक के उपकरण और सेवाओं को वितरित करने के लिए इलॉन मस्क के स्टारलिंक के साथ अलग-अलग समझौतों का ऐलान किया था। वी को उम्मीद है कि इस सहयोग से आपातकालीन प्रतिक्रिया, आपदा प्रबंधन, कृषि आदि क्षेत्रों के लिए नई संभावनाएं सामने आएंगी।

हालांकि वी के नए उद्यम को भारत में उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए जरूरी उपग्रह द्वारा वैश्विक मोबाइल व्य​क्तिगत संचार (जीएमपीसीएस) सेवाओं का लाइसेंस हासिल करना होगा। इस महीने की शुरुआत में स्टारलिंक को ढाई साल की प्रक्रिया के बाद लाइसेंस मिला है, जिससे वह एयरटेल के निवेश वाली यूटेलसैट वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस लिमिटेड के साथ भारत में लाइसेंस प्राप्त उपग्रह संचार सेवा प्रदाता बन गई। वी ने इस बात पर जोर दिया है कि यह साझेदारी डायरेक्ट-टु-डिवाइस उपग्रह कनेक्टिविटी को सक्षम करेगी, जिसका मतलब यह है कि उपयोगकर्ता उन क्षेत्रों में मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे, जहां पारंपरिक सेलुलर नेटवर्क नहीं होगा।

First Published - June 18, 2025 | 10:29 PM IST

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