देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता मारुति सुजूकी ने वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2031 के बीच कुल 1.25 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च की योजना बनाई है। इसमें से 45,000 करोड़ रुपये उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर लगाए जाएंगे और इसमें सालाना 20 लाख वाहन जोड़े जाएंगे।
कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 2031 तक बिक्री चैनल में विस्तार, सर्विस एवं कलपुर्जों के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण, निर्यात क्षमता की बेहतरी और अनुसंधान एवं विकास आदि पर करीब 80,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। फिलहाल मारुति की सालाना उत्पादन क्षमता 22.5 लाख वाहन है। इसमें से करीब 7.5 लाख वाहन गुजरात संयंत्र में बनते हैं। पिछले आठ साल यानी वित्त वर्ष 2016 से वित्त वर्ष 2023 के दौरान मारुति का कुल पूंजीगत खर्च करीब 27,538 करोड़ रुपये रहा है।
कंपनी ने आज अपने शेयरधारकों एवं विश्लेषकों को सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन के साथ शेयर अदला-बदली के सौदे का औचित्य समझाया। कंपनी ने गुजरात संयंत्र के अधिग्रहण के लिए अपनी मूल कंपनी के साथ यह सौदा किया है। वित्त वर्ष 2023 में देश में मारुति की बिक्री 16.1 लाख वाहन हो गई, जो एक साल पहले के मुकाबले 21.1 फीसदी ज्यादा रही। कुल निर्यात भी 8.8 फीसदी बढ़कर 2.6 लाख वाहन हो गया।
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मारुति ने कहा है कि अनुसंधान एवं विकास और विशेष तौर पर पेट्रोल इंजन वाली कारों के विकास में मदद के लिए उसे अतिरिक्त निवेश की जरूरत होगी। कंपनी नेकहा, ‘विभिन्न ईंधन विकल्पों के साथ 10 से 11 नए मॉडल तैयार करने के लिए पूंजीगत खर्च की जरूरत होगी। इसके अलावा ईवी और एसयूवी के उत्पादन के लिए भी काफी पूंजीगत खर्च की दरकार होगी।’
इस साल 1 अप्रैल तक कंपनी के पास 45,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी थी। कंपनी ने कहा कि सुजूकी मोटर गुजरात में सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन के शेयरों के लिए 12,500 करोड़ रुपये देने पर नकदी की कमी हो सकती है। गुजरात संयंत्र का परिचालन सुजूकी मोटर कॉरपोशन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सुजूकी मोटर गुजरात करती है। सुजूकी मोटर गुजरात ने 2015 में मारुति के साथ ठेके पर गाड़ी बनाने का समझौता किया था।