निजीकरण योजना पर कोविड की दूसरी लहर की छाया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:36 AM IST

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण उपजी अव्यवस्था के बीच सरकार के निजीकरण अभियान पर काल्पनिक खतरा मंडरा रहा है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि निजीकरण की योजना किस प्रकार से आगे बढ़ेगी इसको लेकर काफी अनिश्चितता और आशंका के बावजूद सरकार बजट में सूचीबद्घ सौदों को एक या दो महीनों की देरी से पूरा करने को लेकर आशान्वित है। हालांकि, अधिकारी ने कहा, ‘अब बहुत सारे अनजान कारक हैं और कोविड की तीसरी लहर को लेकर हमें कुछ भी नहीं पता है। लेकिन हम अपने काम को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।’
अधिकारी ने कहा, ‘चूंकि बहुत अधिक अनिश्चितता है, ऐसे में हमारे अनुमानों को संशोधित करना होगा क्योंकि रेटिंग एजेंसियां वृद्घि को लेकर अपने अनुमान में संशोधन कर रही हैं।’ अधिकारी ने कहा कि हालांकि, वित्त वर्ष की तीन तिमाही अब भी बची हुई हैं ऐसे में सरकार बजट में सूचीबद्घ सौदों को पूरा करने को लेकर आशान्वित है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि 2021-22 में बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई), कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकॉर), आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल, पवन हंस, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) सहित अन्य कंपनियों का रणनीतिक विनिवेश किया जाएगा और एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा। 2021-22 के लिए विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये का था जबकि पिछले वित्त वर्ष में इससे 32,835 करोड़ रुपये जुटाया गया था। एयर इंडिया, बीपीसीएल, पवन हंस, बीईएमएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई), नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड के निजीकरण की प्रकिया पहले ही दूसरे चरण में पहुंच चुकी है। सरकार को इन निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए विभिन्न अभिरुचि पत्र प्राप्त हुए। अधिकारी ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य कुछ सौदों को समय से पहले पूरा करने कहा है लेकिन उन कंपनियों के निजीकरण को झटका लगा है जो दूसरी लहर के कारण पाइपलाइन में हैं। लेकिन फिलहाल के लिए सभी सौदों को वित्त वर्ष 2022 में ही पूरा किया जाना सरकार के लक्ष्य में शामिल है।’ बीपीसीएल जैसे सौदों की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है और आभासी आंकड़ा कक्ष की पहुंच बोलीदाताओं को दी गई है। हालांकि, आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों के कारण बोलीदाताओं को कार्रवाई पूरी करने के लिए और अधिक समय की जरूरत होगी। उक्त अधिकारी ने कहा कि फिलहाल सरकार इसमें एक या दो महीने की देरी होने की उम्मीद कर रही है।
सरकार यह भी उम्मीद कर रही है कि एयर इंडिया के निजीकरण का सौदा भी बिना किसी बाधा के पूरी हो जाएगी।

First Published : May 20, 2021 | 11:21 PM IST