‘यह शेर की सवारी करने जैसा था, जिससे उतरने का वह तरीका ढूंढना आसान नहीं है, जिसमें उतर भी जाएं और वह हमें खाए भी नहीं।’
बी. रामालिंग राजू ने अपने इस्तीफे के समय जब यह बात कही थी, तो वह जानते थे कि सत्यम रूपी इस शेर को साधना अब उनके बस की बात नहीं रही।
लिहाजा उन्होंने इसकी सवारी से बेहतर जेल जाना ही समझा। बहरहाल, सरकार ने अब इसी शेर की सवारी के लिए उद्योग जगत के तीन सूरमाओं को चुना है।
नए बोर्ड में तीन निदेशकों के तौर पर बैंकिंग क्षेत्र की जानी-मानी हस्ती दीपक पारेख, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विशेषज्ञ किरण कार्णिक और बाजार नियामक सेबी के पूर्व सदस्य सी. अच्युतन को नामित किया है।
कंपनी मामलों के मंत्री प्रेमचंद गुप्ता ने इनके नामों की घोषणा करते हुए कहा कि तीनों नामित सदस्य 24 घटे के अंदर बैठक कर सत्यम के निदेशक मंडल में अध्यक्ष के साथ ही प्रस्तावित सात अन्य सदस्यों के बारे में निर्णय करेंगे।
गौरतलब है कि सरकार ने सत्यम कंप्यूटर के संस्थापक अध्यक्ष बी. रामलिंग राजू की घोटाले संबंधी स्वीकारोक्ति से उत्पन्न संकट के बाद शुक्रवार को सत्यम के निदेशक मंडल को भंग कर 10 नए सदस्यों के मनोनयन की घोषणा की थी।
गुप्ता से जब यह पूछा गया कि भारतीय जीवन बीमा निगम और लैजार्ड जैसे संस्थागत निवेशकों ने भी सत्यम के पुनर्गठित निदेशक मंडल में सदस्यता की मांग की है, तो उन्होंने कहा कि कंपनी के हित में सभी विकल्प खुले रखे गए हैं।
बोर्ड में वित्त, कानून, सूचना प्रौद्योगिकी और प्रशासनिक क्षेत्र के नामी लोगों को शामिल किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर बोर्ड में सदस्यों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। दीपक पारेख ने कहा कि नया दल कंपनी को पटरी पर लाने का प्रयास करेगा। नए बोर्ड की बैठक सोमवार को होगी।
हमारा मानना है कि देश की प्रमुख आईटी कंपनियो में से एक सत्यम की क्षमता बहुत अधिक है। पेशेवर और तकनीकी रूप से भी इसका कारोबार मूल्यवान है।
इसलिए विश्व भर के ग्राहकों समेत कंपनी के शेयरधारकों, कर्मचारियों और अन्य हिस्सेदारों के हित में यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कंपनी चलती रही।
प्रेमचंद गुप्ता,
कंपनी मामलों के मंत्री
दीपक पारेख, किरण कार्णिक और अच्युतन को बनाया सत्यम बोर्ड के निदेशक
बाकी सात निदेशकों का चुनाव भी जल्द होगा
आज होगी बोर्ड की बैठक