निफ्टी आईटी सूचकांक बीते शुक्रवार को 5.14 फीसदी चढ़ा था, जो जुलाई 2020 के बाद सूचकांक में आई एक दिन में आई सबसे बड़ी तेजी है। इसके बाद सोमवार को लगातार दूसरे सत्र में आईटी सूचकांक 1.9 फीसदी और उछल गया। इससे देश की शीर्ष 10 आईटी कंपनियों की शेयर कीमतों का आकलन करने वाला सूचकांक बीते दो सत्र में 7.1 फीसदी चढ़ गया।
आईटी सूचकांक में सबसे बड़ी तेजी ऐसे समय में आई है जब देश की चार शीर्ष आईटी कंपनियों के तिमाही नतीजे पांच साल में सबसे कमजोर रहे हैं। इसकी तुलना में शीर्ष चार आईटी फर्मों के सालाना आधार पर कुल तिमाही मुनाफे में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के 2005 में सूचीबद्ध होने के बाद से केवल तीन बार गिरावट आई है।
इससे आईटी कंपनियों के शेयरों के मूल्यांकन और उनके वित्तीय प्रदर्शन के बीच बड़ा अंतर आ गया है। आंकड़ों से दीर्घावधि में शीर्ष चार फर्मों की आय वृद्धि और एबिटा मार्जिन में गिरावट का पता चलता है। इसकी तुलना में हाल के वर्षों में इन कंपनियों के प्राइस टू अर्निंग गुणक में इजाफा हुआ है।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के कुल शुद्ध मुनाफे में सालाना आधार पर 1.5 फीसदी की गिरावट आई, जो जनवरी-मार्च 2018 तिमाही के बाद सबसे खराब प्रदर्शन है। उस दौरान इनकी कुल कमाई में सालाना आधार पर 2.1 फीसदी की गिरावट आई थी।
इसमें मार्च 2015 की तिमाही शामिल नहीं है जब अपने कर्मचारियों को एकमुश्त विशेष बोनस देने के कारण टीसीएस का शुद्ध मुनाफा 30.7 फीसदी घटा था। एनएसई आईटी सूचकांक में शामिल कुल 10 कंपनियों की बाजार पूंजीकरण में इन चार शीर्ष आईटी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 84 फीसदी है।
इसी तरह चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में शीर्ष चार आईटी फर्मों की शुद्ध आय सालाना आधार पर 2.4 फीसदी बढ़ी, जो जून 2015 तिमाही के बाद सबसे कम है। उस दौरान इन कंपनियों की कुल शुद्ध आय में सालाना आधार पर 2.2 फीसदी की गिरावट आई थी।
वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में इन चारों बड़ी आईटी दिग्गजों का कुल शुद्ध मुनाफा 24,208 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 24,581 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 24,032 करोड़ रुपये था।
इसकी तुलना में इन कंपनियों की कुल शुद्ध आय चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मामूली बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये रही जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1.46 लाख करोड़ रुपये थी। शीर्ष आईटी कंपनियों के वित्तीय नतीजे कमजोर रहने और उनके शेयरों में तेजी के परिणामस्वरूप इन कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन और उनके इक्विटी मूल्यांकन के बीच अंतर बढ़ गया है।
सोमवार की तेजी के बाद शीर्ष चार आईटी कंपनियों के शेयर अब 29.1 गुना प्राइस टू अर्निंग गुणक पर कारोबार कर रहे हैं। यह पिछली सात तिमाहियों में सबसे अधिक है। दिसंबर 2022 के अंत में यह आंकड़ा 25.8 गुना और मार्च 2022 के अंत में 24.1 गुना रहा था।