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Adani Ports की बड़ी छलांग: कंपनी ने कोलंबो में शुरू किया ऑपरेशन; दक्षिण एशिया को मिलेगा नया लॉजिस्टिक हब

CWIT परियोजना में 800 मिलियन डॉलर का निवेश किया गया है और इसमें 1,400 मीटर लंबा क्वे और 20 मीटर की गहराई है।

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प्राची पिसल   
Last Updated- April 07, 2025 | 8:41 PM IST

Adani Ports: भारत का सबसे बड़ा निजी पोर्ट संचालक अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने कोलंबो पोर्ट में स्थित कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (CWIT) पर संचालन शुरू करने की घोषणा की है। यह टर्मिनल एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत डेवलप किया गया है और इसे APSEZ, श्रीलंकाई बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी के एक संघ द्वारा 35 साल के बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर समझौते के तहत संचालित किया जा रहा है। APSEZ की इस संयुक्त उद्यम में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

CWIT परियोजना में 800 मिलियन डॉलर का निवेश किया गया है और इसमें 1,400 मीटर लंबा क्वे और 20 मीटर की गहराई है, जिससे टर्मिनल हर साल लगभग 3.2 मिलियन ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट्स (TEUs) को संभालने में सक्षम है। APSEZ को इस परियोजना के लिए यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) से 553 मिलियन डॉलर की फाइनेंसिंग मिलनी थी। हालांकि, पोर्ट संचालक ने दिसंबर 2024 में इस अनुरोध को वापस ले लिया और कहा कि परियोजना को कंपनी के आंतरिक संसाधनों और पूंजी प्रबंधन योजना के जरिए वित्तपोषित किया जाएगा। CWIT कोलंबो का पहला डीप-वाटर टर्मिनल है जो पूरी तरह से ऑटोमेटेड है, जिसका लक्ष्य कार्गो हैंडलिंग क्षमताओं को बढ़ाना, जहाजों के टर्नअराउंड समय को बेहतर करना और पोर्ट को दक्षिण एशिया में एक प्रमुख ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में स्थापित करना है। इस परियोजना का निर्माण कार्य 2022 की शुरुआत में शुरू हुआ था।

अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी ने कहा, “CWIT पर संचालन शुरू होना भारत और श्रीलंका के बीच क्षेत्रीय सहयोग में एक ऐतिहासिक क्षण है। यह टर्मिनल न केवल हिंद महासागर में व्यापार के भविष्य का प्रतीक है, बल्कि इसकी शुरुआत श्रीलंका के लिए भी गर्व का पल है, जो इसे वैश्विक समुद्री नक्शे पर मजबूती से स्थापित करता है। CWIT परियोजना स्थानीय स्तर पर हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करेगी और द्वीप राष्ट्र के लिए अपार आर्थिक मूल्य उत्पन्न करेगी।” 

जॉन कील्स ग्रुप के चेयरपर्सन कृष्ण बालेंद्र ने कहा, “यह परियोजना जॉन कील्स ग्रुप के सबसे बड़े निवेशों में से एक है और श्रीलंका में निजी क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण निवेशों में शामिल है। श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी और अदानी ग्रुप के साथ मिलकर हम कोलंबो को एक अग्रणी ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में स्थापित करेंगे।”

इसके अलावा, APSEZ का लक्ष्य अपनी वार्षिक विदेशी मात्रा को वर्तमान में 30 मिलियन टन प्रति वर्ष (mtpa) से बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में 150 मिलियन टन प्रति वर्ष करना है, जैसा कि मैक्वेरी इक्विटी रिसर्च ने बताया। इसके वर्तमान अंतरराष्ट्रीय पोर्ट हाइफा (इज़रायल), दार एस सलाम (तंजानिया) और कोलंबो (श्रीलंका) में हैं। यह वियतनाम में भी पोर्ट अवसरों का मूल्यांकन कर रहा है।

वित्त वर्ष 2025 (FY25) के दौरान, APSEZ ने 450.2 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो वॉल्यूम संभाला, जो पिछले साल की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है, जिसमें कंटेनरों (20 प्रतिशत Y-o-Y वृद्धि) और तरल पदार्थों व गैस (9 प्रतिशत Y-o-Y वृद्धि) की अगुआई रही।

First Published : April 7, 2025 | 8:35 PM IST