कोलकाता की टेगा इंडस्ट्रीज ने अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट के सहयोगियों द्वारा प्रबंधित फंडों के साथ मिलकर अमेरिकन इंडस्ट्रियल पार्टनर्स (एआईपी) से करीब 1.5 अरब डॉलर के उद्यम मूल्य पर मोलीकॉप का अधिग्रहण करने के लिए करार पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह सौदा बंबई स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध टेगा की 50वीं वर्षगांठ वाले साल में एक बड़ा कदम है। इससे कोलकाता की यह खनन कंपनी खनन, खनिज प्रसंस्करण और सामग्री प्रबंधन के मामले में दुनिया के सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ताओं में से एक बन जाएगी। नवीनतम अंकेक्षित वित्त वर्ष में टेगा और मोलीकॉप ने संयुक्त रूप से 1.73 अरब डॉलर (15,207 करोड़ रुपये) का राजस्व और 21.7 करोड़ डॉलर (1,906 करोड़ रुपये) का एबिटा दर्ज किया।
टेगा इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक और ग्रुप सीईओ मेहुल मोहनका ने इस अधिग्रहण को महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इससे नवाचार को गति मिलेगी और बाजार पहुंच का विस्तार होगा। अपोलो पार्टनर के गौरव पंत ने कहा कि इस साझेदारी से अतिरिक्त तकनीक और क्षमताओं में निवेश संभव होगा। एआईपी के किम मार्विन ने कहा कि टेगा की अगुआई में यह व्यवसाय उत्कृष्ट हाथों में होगा।
सौदा पूरा हो जाने पर टेगा बहुलांश शेयरधारक बन जाएगी जबकि अपोलो फंड्स के पास महत्त्वपूर्ण अल्पमत इक्विटी हिस्सेदारी होगी। यह कंसोर्टियम पहले दो वर्षों में एकीकरण को प्राथमिकता देगा और व्यापक मिल अनुकूलन समाधान के लिए पूरक उत्पाद पोर्टफोलियो से लाभ उठाएगा।
संयुक्त इकाई 26 वैश्विक विनिर्माण स्थलों का परिचालन करेगी, जिनमें मोलीकॉप की 13 सुविधाएं और 3 संयुक्त उद्यम शामिल हैं। यूरोप, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में टेगा की मज़बूत उपस्थिति को मोलीकॉप की अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मौजूदगी से और भी बल मिलेगा। यह लेनदेन नियामक की मंजूरी और जरूरी शर्तों के तहत 31 दिसंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।