ऑनलाइन के जरिये टैक्सी बुकिंग सेवा मुहैया कराने वाले वाले प्लेटफॉर्म उबर द्वारा व्यवसाय विस्तार के लिए नियामकीय नियमों का पूरी तरह पालन नहीं करने को लेकर ताजा रिपोर्टों के संदर्भ में सूचना प्रौद्योगिकी मामलों के राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को एक ट्वीट में बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा की जा रही नियामकीय त्रुटियों का जिक्र किया है।
मंत्री ने एक अखबार की रिपोर्ट साझा की है, जिसमें उबर पर अपने व्यावसायिक विस्तार में राइडशेयरिंग प्लेटफॉर्मों से संबंधित नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘मैंने कहा है कि कई बिगटेक यानी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां गेम सिस्टम और उपभोक्ताओं के लिए नियमों में खामियों का इस्तेमाल करती हैं और जांच से बचने के लिए हमेशा नवाचार के कवर का सहारा लेती हैं।’
चंद्रशेखर ने कहा कि मोदी सरकार के तहत नागरिकों के लिए स्वतंत्र अधिकार, भरोसेमंद एवं जवाबदेह इंटरनेट इस्तेमाल के साथ नवाचार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
इससे पहले मंत्री कई बार यह कह चुके हैं कि नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के साथ बड़े टेक प्लेटफॉर्मों के जरिये टकराव नहीं होना चाहिए।
124 से ज्यादा रिकॉर्ड ‘द गार्जियन’ अखबार को लीक कर दिए गए थे, जिनमें 83,000 ईमेल और बातचीत से जुड़ी 1,000 अन्य फाइलें थीं। ये फाइलें वर्ष 2013 से 2017 के बीच की थीं। तब इन्हें इंटरनैशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) के साथ साझा कर दिया गया था, जिसमें विभिन्न देशों के 40 मीडिया संगठन शामिल हैं। भारत में, इंडियन एक्सप्रेस ने इन खुलासों पर रिपोर्टों की सीरीज प्रकाशित करना शुरू किया।
इस बीच, कैब बुकिंग प्लेटफॉर्म ने अपने एक बयान में कहा इन रिपोर्टों से संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी ट्रैविस कैलानिक के जुड़े होने से इनकार किया।
उबर ने कहा है, ‘हमने अपने पिछले व्यवहर के लिए कभी कोई बहाना नहीं बनाया है और आगे भी ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि ऐसा करना हमारे मौजूदा मूल्यों के अनुरूप नहीं है। इसके बजाय, हम जनता से जानना चाहेंगे कि हमने पिछले पांच साल के दौरान क्या किया और आने वाले वर्षों में क्या करेंगे।’
भारत के संदर्भ में, बलात्कार मामले से संबंधित ऐसे एक खुलासे (जिसने देश को झकझोर कर रख दिया) में, उबर ने इस अपराध के लिए चालक पर जिम्मेदारी डालने के बजाय देश के क्रिमिनल डेटाबेस ‘ त्रुटिपूर्ण’ बताने से परहेज नहीं किया।
यही नहीं, यूरोप में उबर के मुख्य लॉबिस्ट मार्क मैकगैन ने उस समय नए बाजारों में प्रवेश करने के कंपनी के दृष्टिकोण को ‘तूफानी’ करार दिया था। आईसीआईजे द्वारा दयर रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में, कंपनी ने 14 देशों में प्रवेश किया। गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया कि जैसे ही उबर ने भारत में प्रवेश किया, एशिया में कैलानिक के वरिष्ठ अधिकारी ने प्रबंधकों से हर हालत में विकास पर ध्यान बढ़ाने को कहा।
कई बार उबर के अधिकारियों के बारे में यह भी सुना गया था कि वे कुछ देशों में अवैध तरीके से काम कर रहे हैं।