TCS Q1FY26 results: चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के नतीजों में वृहद आर्थिक अनिश्चितता और गैर-जरूरी खर्च में धीमी वृद्धि का असर दिखता है। हालांकि कंपनी प्रबंधन कुल मिलाकर आशावादी बना हुआ है मगर उसने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में उच्च एक अंक में वृद्धि मुश्किल होगी।
टीसीएस का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6 फीसदी बढ़कर 12,760 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 12,040 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में टीसीएस की आय महज 1.3 फीसदी बढ़कर 63,437 करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही की तुलना में कंपनी की आय 1.6 फीसदी कम रही।
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वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कंपनी आय वृद्धि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के बाद सबसे धीमी रही। उस समय कोविड के कारण आय में 4 फीसदी की गिरावट आई थी। इससे पहले वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में कंपनी की आय 0.2 फीसदी घटी थी।
कंपनी आय वृद्धि के मोर्चे पर ब्लूमबर्ग के अनुमान से पीछे रही मगर शुद्ध मुनाफा अनुमान से बेहतर रहा। ब्लूमबर्ग ने टीसीएस की आय 64,655 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 12,253 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी की ऑर्डर बुक 9.4 अरब डॉलर रही, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 8.3 अरब डॉलर से 13 फीसदी अधिक है।
टीसीएस के सीईओ और एमडी के कृत्तिवासन ने कहा, ‘पिछली प्रेस वार्ता में हमने गैर-जरूरी खर्च के संदर्भ में निर्णय लेने और परियोजनाओं के शुरू होने में देरी के बारे में बात की थी। यह प्रवृत्ति इस तिमाही में और भी तीव्र हो गई क्योंकि संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता और आपूर्ति श्रृंखला संबंधी समस्याओं के कारण वैश्विक व्यापार बाधित हुआ है।’
कंपनी ने कहा कि एआई, साइबर सुरक्षा, डेटा और आधुनिकीकरण जैसी नई सेवाओं में ग्राहकों की ओर से ज्यादा निवेश देखने को मिल रहा है। हालांकि कंपनी ने इस सौदे की मात्रा का खुलासा नहीं किया।
टीसीएस की कार्यकारी निदेशक – प्रेसिडेंट एवं सीओओ आरती सुब्रमण्यन ने कहा, ‘इस तिमाही में नई सेवाओं की वृद्धि अच्छी रही। हमें एआई और डेटा की मजबूत मांग देखने को मिल रही है। आधुनिकीकरण के लिए एआई मजबूती से उभर रहा है।’
कंपनी का पहली तिमाही का प्रदर्शन पिछली तिमाहियों जैसा ही रहा, खास तौर पर अमेरिका और यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में। अमेरिका और यूरोप में प्रदर्शन नरम बना हुआ है। भारत में कंपनी की आय पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 21.7 फीसदी घटी है। यह गिरावट बीएसएनएल सौदे की गति धीमी पड़ने के कारण हुई है। अमेरिकी कारोबार में 2.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ब्रिटेन में भी कंपनी का कारोबार 1.3 फीसदी घटा है। पश्चिम एशिया और अफ्रीका में कारोबार 9.4 फीसदी, एशिया प्रशांत में 3.6 फीसदी और लैटिन अमेरिका में 3.5 फीसदी बढ़ा है।