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TCS 12,260 कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी, AI और ग्लोबल मंदी के चलते कंपनी ने लिया फैसला

यह दूसरा अवसर है जब टीसीएस ने छंटनी की घोषणा की है। इससे पहले उसने 2012 में कमजोर प्रदर्शन के कारण करीब 2,500 कर्मचारियों की छंटनी की थी।

Published by
शिवानी शिंदे   
अविक दास   
Last Updated- July 27, 2025 | 10:47 PM IST

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने कहा है कि वह इस वित्त वर्ष में अपने करीब 2 फीसदी यानी 12,260 कर्मचारियों की छंटनी करेगी। देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित कारोबारी बदलाव के दौर में एक चुस्त फर्म बनने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

यह दूसरा अवसर है जब टीसीएस ने छंटनी की घोषणा की है। इससे पहले उसने 2012 में कमजोर प्रदर्शन के कारण करीब 2,500 कर्मचारियों की छंटनी की थी।

कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘टीसीएस भविष्य के लिए तैयार संगठन बनने की राह पर अग्रसर है। इसके तहत कई मोर्चों पर रणनीतिक पहल की जा रही हैं। इनमें प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों में निवेश, नए बाजारों में प्रवेश, ग्राहकों एवं खुद के लिए बड़े पैमाने पर एआई का उपयोग, साझेदारियों को गहराई देना, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का निर्माण और कार्यबल मॉडल को एक नया रूप देना शामिल है।’ 

इसके लिए कर्मचारियों को नए सिरे से कुशल बनाने और उन्हें नए सिरे से तैनात करने की पहल जारी है। कंपनी ने कहा, ‘इसी क्रम में हम उन सहयोगियों को भी हटाएंगे जिनकी तैनाती संभव नहीं है। इसका असर मध्यम से वरिष्ठ स्तर के हमारे करीब 2 फीसदी वैश्विक कार्यबल पर पड़ेगा। इसकी योजना बेहद सावधानीपूर्वक तैयार की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’

कंपनी ने प्रोजेक्ट फ्लूडिटी पहल शुरू की है। इसके तहत संतोषजनक प्रदर्शन न करने वाले वरिष्ठ प्रबंधकों अथवा सलाहकारों की छंटनी पर विचार किया जा रहा है। इस मामले से अवगत लोगों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अधिकतर छंटनी मध्य से वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर होगी क्योंकि टीसीएस बदलते समय की जरूरतों के हिसाब से अपने कार्यबल को पुनर्गठित कर रही है। कंपनी ने इस संबंध में जानकारी के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा पूछे गए सवालों का तत्काल कोई जवाब नहीं दिया। कंपनी से पूछा गया था कि क्या यह छंटनी प्रोजेक्ट फ्लूडिटी का हिस्सा है और इससे कितनी बचत होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के आ​खिर में टीसीएस के कर्मचारियों की कुल संख्या 6,13,069 थी।

टीसीएस की इस घोषणा से पता चलता है कि भारतीय आईटी सेवा कंपनियां किन चुनौतियों से जूझ रही हैं। उन्हें भू-राजनीतिक संघर्षों के प्रभाव के अलावा शुल्क संबंधी चिंताओं और उत्तरी अमेरिका में मंदी से भी जूझना पड़ रहा है।

एचएफएस रिसर्च के अध्यक्ष (अनुसंधान एवं सलाहकार) सौरभ गुप्ता ने कहा कि टीसीएस द्वारा छंटनी किए जाने का यह निर्णय एआई के कारण पैदा हुए उथल-पुथल और आर्थिक दबाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘यह कोई मौसमी छंटनी नहीं, बल्कि एक ढांचागत बदलाव है, जो पारंपरिक भूमिकाओं की जगह एआई एवं ऑटोमेशन, 35 दिनों की सख्त बेंच नीति, और शुल्क एवं ग्राहकों के खर्च में देरी जैसी वैश्विक चुनौतियों से प्रेरित है।’

टीसीएस एकमात्र ऐसी आईटी कंपनी नहीं है जिसने छंटनी की घोषणा की है। इस साल की शुरुआत से लेकर पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रौद्योगिकी कंपनियों ने छंटनी की घोषणा की है। 

इस महीने की शुरुआत में माइक्रोसॉफ्ट ने अपने करीब 9,000 यानी 4 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की थी। यह इस साल कंपनी द्वारा की गई छंटनी का तीसरा दौर है।

लेऑफ्स डॉट एफवाईआई के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में 169 प्रौद्योगिकी कंपनियों के करीब 80,150 कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी।

टीसीएस ने इस महीने की शुरुआत में अपना तिमाही वित्तीय नतीजा जारी किया था जो 2020 के बाद उसका सबसे कमजोर नतीजा रहा। उसमें स्थिर मुद्रा पर वृद्धि में 3.1 फीसदी की गिरावट और डॉलर आय वृद्धि में 1.1 फीसदी की कमी दर्ज की गई। शीर्ष 5 आईटी सेवा कंपनियों के बीच स्थिर मुद्रा पर वृद्धि के लिहाज से कंपनी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा।

स्थिर मुद्रा पर कंपनी की आय 30 जून, 2020 को समाप्त तिमाही में 6.3​ फीसदी घटी थी और डॉलर राजस्व 7.8 फीसदी कम रहा था, क्योंकि उस दौरान कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दुनियाभर में कारोबार थम सा गया था।

टीसीएस के मुख्य कार्याधिकारी के. ​कृ​त्तिवासन ने पहली तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद बातचीत में कहा कि मौजूदा आर्थिक माहौल में उच्च एकल अंक में वृद्धि हासिल करना भी चुनौतीपूर्ण होगा। ग्राहक अपने विवेकाधीन खर्च को टाल रहे हैं और जिन सौदों पर हस्ताक्षर हो चुके हैं उनसे आय अर्जित करने में समय लगेगा।

First Published : July 27, 2025 | 10:47 PM IST