एयर इंडिया पर आगे बढ़ेगी टाटा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 8:18 PM IST

टाटा संस सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया के लिए अभिरुचि पत्र जमा करा सकती है। बोली जमा करने की समयसीमा सोमवार को खत्म हो रही है। मामले के जानकार शख्स का कहना है कि विस्तारा में टाटा की साझेदार सिंगापुर एयरलाइंस इस बोली के प्रारंभिक चरण का हिस्सा नहीं होगी। इस बारे में जानकारी के लिए टाटा संस को प्रश्नावली भेजी गई थी लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। सिंगापुर एयरलाइंस के प्रवक्ता ने भी भावी निवेश के अवसरों पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।
मामले के जानकार एक शख्स ने कहा, ‘अगर कंपनी विमानन कारोबार में विस्तार करना चाहती है तो एयर इंडिया का अधिग्रहण अच्छा अवसर हो सकता है। टाटा संस जिस भी कारोबार में है, उसमें वह बाजार की अगुआ या कम से कम दूसरे नंबर की कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में एयर इंडिया उसे यह मौका प्रदान कर सकती है।’
हालांकि टाटा संस का प्रबंधन संभवत: तीसरा विमानन उद्यम नहीं चाहेगा और भविष्य में एयर इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस के साथ इसका विलय कराना चाहेगा। विस्तारा के अलावा टाटा संस की एयर एशिया इंडिया में भी 51 फीसदी हिस्सेदारी है।
ताजा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अगर टाटा एयर इंडिया का अधिग्रहण करती है तो घरेलू विमानन बाजार में टाटा की बाजार हिस्सेदारी करीब 23 फीसदी हो जाएगी, जो स्पाइसजेट से 10 फीसदी ज्यादा होगी। इसके साथ ही समूह का अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर करीब-करीब वर्चस्व हो जाएगा।
एक अन्य शख्स ने कहा, ‘मौजूदा परिस्थिति में सिंगापुर एयरलाइंस अधिग्रहण प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकती है। लेकिन विमानन कंपनी बाद में इसमें शामिल हो सकती है। टाटा विमानन कारोबार को एकीकृत करना चाहेगी और एयर इंडिया और विस्तारा दोनों फुल सर्विस इकाई है, ऐसे में वह एक-दूसरे को प्रतिस्पद्र्घी नहीं बनने देना चाहेगी।’
एयर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया के लिए तय नियमों में कंपनी में रुचि दिखाने वाले बोलीदाता को नए साझेदार लाकर कंसोर्टियम की संरचना में एक बार बदलाव करने की अनुमति है। सिंगापुर एयरलाइंस के कारोबार पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं कि कंपनी पर कोविड-19 महामारी का असर जबरदस्त हुआ है, लेकिन कुछ देशों में टीकाकरण शुरू होने और सिंगापुर सरकार से मजबूत समर्थन मिलने से कंपनी जल्द ही अपनी विकास योजना शुरू करेगी।
घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विमान सेवाएं लगभग ठप होने से एसआईए के ज्यादातर विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। कंपनी इससे हुए नुकसान का असर कम करने के लिए 15 अरब डॉलर रकम जुटाने की प्रक्रिया में है। हाल में ही इस विमानन कंपनी ने कहा कि दिसंबर में वह अपनी कुल क्षमता का मात्र 16 प्रतिशत इस्तेमाल करना करना चाहती है और दिसंबर 2021 तक इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक करेगी।

First Published : December 13, 2020 | 11:17 PM IST