टाटा समूह का सुपरऐप टाटा न्यू 7 अप्रैल को आने के आसार हैं। हालांकि यह ऐप आधिकारिक रूप से शुरू किया जाएगा, लेकिन शुरुआत में इसका इस्तेमाल वे ही कर पाएंगे, जिन्हें आमंत्रण मिलेगा। एक सूत्र ने कहा, ‘कुछ सप्ताह पहले इस ऐप को पहली बार टाटा समूह से इतर कर्मचारियों के लिए खोला गया था। प्रत्येक टाटा कर्मचारी को अपने जानकार पांच लोगों को ऐप इस्तेमाल करने के लिए आमंत्रित करने की मंजूरी दी गई थी और इसकी प्रतिक्रिया बहुत शानदार रही है।’
इस ऐप की सबसे बड़ी पेशकश यह है कि यह पहली बार मल्टी कैटेगरी लॉयल्टी कार्यक्रम शुरू करेगा। यह उन सभी श्रेणियों में काम करेगा, जो टाटा न्यू के प्लेटफॉर्म पर होंगी। इन रिवॉड्र्स का नाम न्यू कॉइंस होगा, जिनसे उपयोगकर्ता विभिन्न श्रेणियों के उत्पाद और सेवाएं खरीद सकते हैं। इसका सीधा मतलब है कि अगर आप कोई इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद खरीदते हैं और पॉइंट हासिल करते हैं तो इन पॉइंट को आईएचसीएल के होटलों में ठहरने या 1एमजी से दवा खरीदने अथवा बिगबास्केट से किराने का सामान खरीदने में इस्तेमाल कर सकते हैं। एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘अभी तक कोई अन्य ई-कॉमर्स कंपनी ऐसा बहु श्रेणी लॉयल्टी कार्यक्रम नहीं मुहैया कराती है। इन रिवॉर्ड पॉइंट की वैधता लगभग हमेशा रहेगी। उपयोगकर्ताओं के पास पॉइंटों को एक साथ या टुकड़ों में इस्तेमाल का विकल्प होगा। इस ऐप को प्रायोगिक परीक्षण के लिए खोला गया है मगर हर दो में से एक व्यक्ति ने अपने पॉइंट भुना लिए हैं।’
इस लॉयल्टी कार्यक्रम का एक अन्य पहलू यह है कि इसे उपयोग में सहूलियत का ध्यान रखते हुए बनाया गया है। उपयोगकर्ता को एक रुपया खर्च करने पर 5 फीसदी यानी 100 रुपये खर्च करने पर 5 न्यू कॉइंस मिलते हैं। हालांकि न्यू कॉइंस को एक साल के भीतर ही भुनाना आवश्यक है मगर उपयोगकर्ता कुछ कॉइन को भुना सकता है और शेष को अगले वर्ष में ले जा सकता है।
इस बारे में टाटा डिजिटल को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला। इस समय टाटा न्यू के पास इलेक्ट्रॉनिक्स, किराना, मनोरंजन, फैशन, यात्रा एवं आतिथ्य, लक्जरी, स्वास्थ्य और खाद्य एवं पेय (एफऐंडबी) हैं। इन श्रेणियों से ग्राहकों को बिगबास्केट, क्रोमा, आईएचसीएल, एयर एशिया, क्लिक, वेस्टसाइड, 1एमजी, क्यूमिंस और स्टारबक्स जैसे ब्रांडों तक पहुंच मिलेगी। इतना ही नहीं, टाटा न्यू बिल आदि के भुगतान के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराएगा और उपभोक्ताओं को ईएमआई और पसर्नल लोन जैसी वित्तीय सेवाएं भी उपलब्ध कराएगा। मीडिया खबरों में कहा गया है कि यह समूह पहले ही खुद को थर्ड पार्टी भुगतान सेवा प्रदाता के रूप में मंजूरी देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के साथ बातचीत कर रहा है।
अगर टाटा न्यू का लॉयल्टी कार्यक्रम सफल रहा तो यह भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम होगा। वैश्विक स्तर पर मल्टी ब्रांड लॉयल्टी लोकप्रिय हो रही है क्योंकि खुदरा विक्रेता उपयोगकर्ता को किसी प्लेटफॉर्म या ब्रांड से जोड़े रखना चाहते हैं। एफआईएस की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 81 फीसदी उपभोक्ताओं ने कहा कि विभिन्न प्रकार के खुदरा विक्रेताओं से पॉइंट हासिल करना और भुनाना मददगार रहेगा।