प्रमुख वाहन कंपनी टाटा मोटर्स ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बाजार की उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 3,202 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया है। इस दौरान उसकी आय एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 42 फीसदी बढ़कर 1.02 लाख करोड़ रुपये हो गई। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में टाटा मोटर्स को 5,006 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।
अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी की आय जनवरी-मार्च के मुकाबले 3.4 फीसदी घटकर 1.05 लाख करोड़ रुपये रह गई। कर पश्चात लाभ (पीएटी) में भी 41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ब्लूमबर्ग ने कंपनी की आय 1.01 लाख करोड़ रुपये और
करोपरांत लाभ 2,552 करोड़ रहने का अनुमान लगाया था।
टाटा मोटर्स का शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर आज 2 फीसदी की बढ़त के साथ 641.8 रुपये पर बंद हुआ। टाटा मोटर्स ने अपना डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स (डीवीआर) अथवा ए-शेयर प्रोग्राम बंद होने का ऐलान भी आज ही किया।
टाटा मोटर्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी पीवी बालाजी ने कहा कि इस साल 38,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया जाएगा, जिसमें 3 अरब पाउंड जगुआर-लैंडरोवर (जेएलआर) के लिए और 8,000 करोड़ रुपये टाटा मोटर्स के लिए रखे गए हैं।
कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान कंपनी का कुल एबिटा 177 फीसदी बढ़कर 14,700 करोड़ रुपये हो गया। इससे जेएलआर और वाणिज्यिक वाहन कारोबार में सुधार तथा यात्री वाहन कारोबार में स्थिरता का संकेत मिलता है।
अप्रैल-जून में जेएलआर की आय एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 57 फीसदी बढ़कर 6.9 अरब पाउंड हो गई। मगर जनवरी-मार्च के मुकाबले इसकी आय में मामूली गिरावट आई। जेएलआर का मुक्त नकदी प्रवाह 45.1 करोड़ पाउंड रहा, जो अब तक किसी एक तिमाही का सबसे अधिक नकदी प्रवाह है।
कंपनी ने कहा, ‘दूसरी तिमाही में उत्पादन और नकदी प्रवाह पहली तिमाही के मुकाबले कम रह सकता है, जिसकी वजह सालाना रखरखाव के लिए कारखाने की बंदी होगी। मगर थोक बिक्री और मुनाफा कमाने की क्षमता पिछली तिमाहियों जैसी ही रहेगी।’ जेएलआर को 1.85 लाख वाहनों के ऑर्डर मिले हैं। वाणिज्यिक वाहन कारोबार की बात करें तो बीएस6 के दूसरे चरण के कारण तिमाही के दौरान अप्रैल-जून 2022 से 15 फीसदी कम वाहन बिके।
तिमाही के दौरान वाणिज्यिक वाहन इकाई की आय 4.4 फीसदी बढ़कर 17,000 करोड़ रुपये हो गई। मगर जनवरी-मार्च तिमाही से 19 फीसदी कम आय मिली। तिमाही के दौरान कंपनी ने देसी वाणिज्यिक वाहन बाजार में अपनी 39 फीसदी बाजार हिस्सेदारी बरकरार रखी। टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने कहा, ‘व्यापक बदलाव के कारण तिमाही के आरंभ में कम वाहन उपलब्ध रहने का कुछ असर पड़ा मगर उसके बाद प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ।’