टाटा समूह की असूचीबद्ध कंपनी टाटा संस के शेयरधारकोंं को गुरुवार को होने वाली सालाना आम बैठक में समूह की डिजिटल रणनीति की झलक देखने को मिलेगी। यह कोरोनावायरस महामारी की पृष्ठभूमि में हो रही हैै, जिसने समूह की कंपनियों की बिक्री में व्यवधान पैदा किया है।
शेयरधारकों की बैठक होल्डिंग कंपनी से टाटा टेलिसर्विसेज को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक एजडीआर बकाया चुकाने के लिए दिए जा रहे अतिरिक्त 14,500 करोड़ रुपये की पृष्ठभूमि मेंं हो रही है। टाटा ने बकाया चुकाने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था और सर्वोच्च न्यायालय जल्द अपना फैसला सुना सकता है।
टाटा समूह के प्रवक्ता ने हालांकि कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन जानकारों का कहना है कि एजीएम में पारित होने वाले प्रस्ताव सामान्य किस्म के हैं। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन इस पर चर्चा कर सकते हैं कि कोविड के बाद वाली दुनिया में समूह की विभिन्न कंपनियों के परिचालन में कैसे आपसी सहयोग हो। साथ ही चंद्रशेखरन समूह की डिजिटल रणनीति पर भी चर्चा कर सकते हैं, जिनमें ई-कॉमर्स सुपरऐप पेश किया जाना शामिल है। यह ऐप एक ही छत के नीचे चाटा समूह की सभी सेवाओं की पेशकश करेगा। समूह के सूत्रों ने कहा, ई-कॉमर्स सुपरऐप 2020 के आखिर तक पेश किया जाएगा।
महामारी के कारण यह बैठक ऑनलाइन होगी और इसमें टाटा कैपिटल और टाटा मोटर्स की फंडिंग की अतिरिक्त जरूरतों पर भी चर्चा होगी। टाटा मोटर्स की एजीएम में चंद्रशेखरन ने टाटा मोटर्स का कर्ज शून्य पर लाने का वादा किया है और विश्लेषकों ने कहा कि टाटा संस की तरफ से और रकम दिया जाना तीन साल का लक्ष्य पूरा करने का एक जरिया हो सकता है। टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली टाटा ट्रस्ट के अलावा टाटा समूह की सूचीबद्ध इकाइयों के पास होल्डिंग कंपनी की 13 फीसदी हिस्सेदारी है। 18.5 फीसदी हिस्सेदारी मिस्त्री फैमिली के पास है, जो निदेशक मंडल में प्रतिनिधित्व और कंपनी के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन को खत्म करने को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। कंपनी का अर्टिकल ऑफ एसोसिएशन टाटा ट्रस्ट के निदेशकोंं को बोर्ड के प्रस्ताव पर वीटो का अधिकार देता है। यह मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।
एजीएम ऐसे समय में हो रहा है जब समूह अपने कारोबारी मोर्चे पर काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है, हालांकि इसमें टीसीएस शामिल नहीं है। यूरोप मेंं समूह के दो कारोबारों टाटा स्टील यूरोप और जगुआर लैंड रोवर का उत्पादन महामारी से प्रभावित हुआ। समूह की दोनों कंपनियों ने संयंत्र बंद किए और कामगारों को छुट्टी दी। दोनों कंपनियां ब्रिटिश सरकार से राहत पर बातचीत कर रही थी, लेकिन सरकारी शर्तों के कारण बातचीत नाकाम रही।
समूह के होटल व एयरलाइन कारोबार पर महामारी की सबसे ज्यादा मार पड़ी है और उसे मूल कंपनी से अतिरिक्त फंडिंग मिल सकती है। समूह ने इस साल अप्रैल में विस्तारा में अतिरिक्त रकम का निवेश किया था ताकि विमानन कंपनी मौजूदा संकट से उबर सके। समूह की योजना एयर इंडिया के लिए भी बोली लगाने की है।
दिलचस्प रूप से टाटा संस को वित्त वर्ष 2020 में मिले 20,000 करोड़ रुपये के लाभांश का ज्यादातर हिस्सा टाटा टेली के एजीआर बकाया चुकाने में चला जाएगा। ऐसा तब होगा जब सर्वोच्च अदालत कंपनी के खिलाफ फैसला देती है। जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय बकाया चुकाने के लिए अतिरिक्त समय नहींं देता, टाटा समूह को रकम तैयार रखनी होगी। एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
