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ई-कॉमर्स में जानकारी न देने पर सख्ती

Last Updated- December 11, 2022 | 11:58 PM IST

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपना माल बेचने वाले 200 से ज्यादा विक्रेताओं को नोटिस भेजा है। इन विक्रेताओं पर आरोप है कि उन्होंने उत्पाद के मूल देश से संबंधित गलत ब्योरा दिया था।
उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए ने इस तरह की इकाइयों से पूछा है कि इस मसले पर उनके द्वारा किस तरह के कदम उठाए गए थे। 202 नोटिसों में से इस नियम का सबसे ज्यादा उल्लंघन इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के मामले में किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद में 47 नोटिस भेजे गए हैं, उसके बाद अपैरल, होम, सौंदर्य उत्पाद व अन्य आते हैं।
यह नोटिस 16 से 22 अक्टूबर के बीच के थे और अब तक 76 कंपनियों से 42 लाख रुपये से ज्यादा वसूले गए हैं।
विक्रेताओं के पास 15 नोटिस उत्पाद की एक्सपायरी की तिथि का उल्लेख न करने, अधिकतम खुदरा मूल्य से ज्यादा पैसे लेने, आयातकों के पते का उल्लेख न करने व अन्य मामलों में भेजे गए हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पोर्टल पर तमाम ग्राहकों की ओर से मिली शिकायतों के आधार पर सीसीपीए ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाया है। भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र पर सीसीपीए लगातार नजर बनाए हुए है और ग्राहक संरक्षण अधिनियम व ई-कॉमर्स नियम, 2020 के तहत किसी भी उल्लंघन को तत्काल संज्ञान में लेता है।’  
उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा कि सीसीपीए ने पिछले साल से उल्लंघन करने वालों पर सख्ती बरतना शुरू किया है।
सरकार ने पिछले साल एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे मार्केटप्लेस पर माल की बिक्री करने वाले सभी वेंटरों के लिए अनिवार्य कर दिया था कि वे नाम और अगर कोई आयातक या विक्रेता है तो उसके ब्योरे का उल्लेख अपने प्लेटफॉर्म पर करें, जिससे ग्राहकों को सही सूचना मिल सके और उत्पाद खरीदने के पहले उनके पास विकल्प हो।
इसमें कहा गया है, ‘अपनी समीक्षा में सीसीपीए ने पाया कि इस सिलसिले में ई-मेल से पूछे जाने पर ई-कॉमर्स इकाइयों ने अपने उत्तर में कहा कि केवल मध्यस्थ हैं और उत्पाद के सिलसिले में उनकी कोई जवाबदेही नहीं बनती है, उनके प्लेटफॉर्म पर अपने माल की बिक्री करने वाले की इस मामले में जवाबदेही है। इसलिए सीसीपीए ने सभी मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों को 1 अक्टूबर, 2021 को सुझाव दिया कि वे ई-कॉमर्स नियम, 2020 के मुताबिक विक्रेताओं द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचनाएं प्रदर्शित करें।’
नंदन ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इस मामले में गृह मंत्रालय, एनपीसीआई और टीआरएआई के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिससे कि इस तरह की धोखाधड़ी से ग्राहकों को बचाया जा सके।
‘ई-कॉमर्स नियमों पर 2 सप्ताह पहले विस्तृत वार्ता शुरू’
ई-कॉमर्स पर प्रस्तावित ग्राहक संरक्षण नियम पर ई-टेलर्स के साथ अन्य सरकारी विभागों की ओर से अपनी चिंता जताने के सप्ताह बाद उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने मंगलवार को कहा कि विभाग ने संबंधित हिस्सेदारों से नए सिरे से बात शुरू की है। नंदन ने कहा, ‘ई कॉमर्स नियमों पर विस्तृत बातचीत दो सप्ताह पहले शुरू हुई है। कुछ बैठकें पहले ही आयोजित की जा चुकी हैं। विभिन्न इकाइयों ने अपनी टिप्पणियां व अवलोकन दिया है, जिसमें व्यक्तिगत कंपनियां हों और उद्योग संगठन शामिल हैं। इसकी प्रक्रिया चल रही है। सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग, वित्त मंत्रालय, कंपनी मामलों के मंत्रालय ने प्रस्तावित नियम के कई प्रावधानों को लेकर चिंता जताई है। प्रस्तावित नियम पर प्रतिक्रिया देने की अंतिम तिथि अगस्त रखी गई थी। इसकी उद्योग व अन्य सरकारी अधिकारियों ने आलोचना की। चल रहे विमर्श के एक और दौर के बाद अंतिम नियम अधिसूचित किए जाने की संभावना है।’

First Published - October 26, 2021 | 11:00 PM IST

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