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भारतीय स्टार्टअप के लिए खत्म होने लगा रकम का सूखा

डेट फंडिंग के इस दौर पर विचार करने के बाद कुल रकम पिछले साल अक्टूबर में स्टार्टअप की तरफ से जुटाए गए 1.1 अरब डॉलर के आसपास ही है।

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आर्यमन गुप्ता   
Last Updated- November 15, 2023 | 10:09 PM IST

लंबे समय तक धीमे निवेश के बाद बड़े और मझोले आकार वाले फंडिंग के दौर की फिर से वापसी भारतीय स्टार्टअप के लिए राहत की सांस लेकर आई है। चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल के बीच अक्टूबर में ओला इलेक्ट्रिक ने इक्विटी औऱ ऋण के जरिये भारी भरकम 38.5 करोड़ डॉलर जुटाए थे। ओला से पहले कई अन्य कंपनियों जेटवर्क, जोल्व व इंश्योरेंसदेखो भी अपेक्षाकृत बड़ी रकम जुटाने में कामयाब रही थी।

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के मुताबिक भारतीय स्टार्टअप ने अक्टूबर में 72 प्राइवेट इक्विटी सौदों के जरिये 54.28 करोड़ डॉलर जुटाए। इसमें मध्यम से लेकर बड़े आकार वाले सौदे थे। मसलन जेटवर्क ने 12 करोड़ डॉलर, ब्लूरिच ने 6 करोड़ डॉलर और हस्क पावर सिस्टम्स ने 5 करोड़ डॉलर जुटाए थे। हालांकि इसमें ओला इलेक्ट्रिक जैसे बड़े सौदे शामिल नहीं हैं। इसी तरह नियोबैंक जोल्व ने भी ऋण फंडिंग के जरिये 10 करोड़ डॉलर जुटाए।

डेट फंडिंग के इस दौर पर विचार करने के बाद कुल रकम पिछले साल अक्टूबर में स्टार्टअप की तरफ से जुटाए गए 1.1 अरब डॉलर के आसपास ही है। सितंबर 2023 में नई कंपनियों की तरफ से 87.4 करोड़ डॉलर से ज्यादा की निवेश रकम जुटाई गई।

माइक्रो वीसी फंड अर्थ वेंचर फंड के प्रबंध साझेदार अनिरुद्ध ए दमानी ने कहा कि कथित तौर पर फंडिंग के सूखे के बाद अब वास्तव में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम के भीतर नजरिये में बदलाव ने भी वास्तविक फंडिंग का माहौल बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है।

साल 2021 में स्टार्टअप ने महंगे मूल्यांकन पर रिकॉर्ड 4.43 अरब डॉलर जुटाए थे, जिसके बाद निवेशकों ने धीरे-धीरे अपने बटुए पर नियंत्रण रखा। नतीजतन, स्टार्टअप फंडिंग साल 2022 में सालाना आधार पर 39 फीसदी घटकर 2.71 अरब डॉलर रह गई थी। फंडिंग में कमी का रुझान 2023 में भी जारी रहा जब निवेश कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में सालाना आधार पर 72 फीसदी घटकर 5.5 अरब डॉलर रह गया।

हालांकि तब से फंडिंग में सुधार के संकेत नजर आ रहे हैं। कैलेंडर वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में स्टार्टअप ने 208 सौदों के जरिये 1.7 अरब डॉलर जुटाए जो साल 2022 की इस अवधि में इन कंपनियों की तरफ से जुटाई गई रकम 3 अरब डॉलर के मुकाबले 43 फीसदी कम है। यह कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही के मुकाबले 72 फीसदी कम है।

तिमाही में पेरिफोज, जेप्टो, ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी और जाइबर 365 की तरफ से 10 करोडॉ डॉलर से ज्यादा बड़ी फंडिंग का दौर देखा गया। इसने इस तिमाही में और फंडिंग की घोषणा की राह खोली। आरकैम वेंचर्स के प्रबंध निदेशक राहुल चंद्रा ने कहा, अब सौदे तेजी से पूरे हो रहे हैं, जो वॉल्यूम में बढ़ोतरी का संकेत हैं।

फंडिंग की मौजूदा रफ्तार बने रहने की उम्मीद है क्योंकि निवेशक अपने पास पड़ी नकदी का बड़ा हिस्सा आवंटित करने पर विचार कर रहे हैं।

First Published : November 15, 2023 | 10:09 PM IST