आखिरकार भारतीय स्टार्टअप तंत्र के लिए कुछ अच्छी खबर आ ही गई। साल 2022 से लगातार चार छमाहियों के दौरान रकम हासिल करने को तरस रहे इस क्षेत्र में साल 2024 की पहली छमाही में साल 2023 की दूसरी छमाही के मुकाबले ज्यादा धन मिला है।
ट्रैक्सन की इंडिया टेक सेमी-एनुअल फंडिंग रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय टेक स्टार्टअप (Tech Startup) कंपनियों ने साल 2024 की पहली छमाही में 4.1 अरब डॉलर जुटाए, जो साल 2023 की दूसरी छमाही में जुटाए गए 3.96 अरब डॉलर से चार प्रतिशत अधिक हैं।
अलबत्ता साल 2023 की पहली छमाही में जुटाए गए 4.8 अरब डॉलर के मुकाबले फंडिंग में 13 प्रतिशत की कमी आई। टेक स्टार्टअप के परिदृश्य में भारत वैश्विक स्तर पर रकम जुटाने के मामले में चौथे स्थान पर बना रहा। अलबत्ता ज्यादा रकम जुटाने के मामले में चीन आगे निकल गया है।
चीन ने कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही में कुल 6.2 अरब डॉलर जुटाए और सबसे अधिक फंड जुटाने वाला तीसरा देश बन गया। साल 2023 की पहली छमाही में भारत चीन को पछाड़कर वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे अधिक फंड जुटाने वाला देश बन
गया था।
हालांकि चीन ने ज्यादा रकम जुटाई, लेकिन इस अवधि में रकम जुटाने के कुल 327 दौर रहे जो भारत के 540 दौर के मुकाबले कम थे। साथ ही भारत में पहली बार रकम जुटाने वाली कंपनियों की संख्या 168 थी जो चीन की 159 कंपनियों से अधिक थी। रकम जुटाने की कुल मात्रा में अमेरिका सबसे आगे बना रहा, उसके बाद ब्रिटेन का स्थान रहा।
ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, ‘साल 2022 की पहली छमाही से लगातार चार छमाही की अवधियों में फंडिंग में गिरावट के बावजूद अब हम स्थिरता के संकेत देख रहे हैं जिनमें बढ़त का रुख है। टेक स्टार्टअप तंत्र में सबसे ज्यादा फंड पाने वाले चौथे देश के रूप में भारत का दमदार प्रदर्शन उत्साहजनक है। खुदरा और एंटरप्राइज़ ऐप्लीकेशन में दिख रहे विकास से लेकर फिनटेक में अग्रणी प्रगति तक भारतीय स्टार्टअप उद्योगों को बदल रही हैं और आर्थिक विकास को रफ्तार दे रहीं हैं।’
फंडिंग के विभिन्न चरणों के परिदृश्य में अलग-अलग रुझान नजर आए हैं – सीड-स्टेज फंडिंग बढ़कर 45.5 करोड़ डॉलर हो गई, जो साल 2023 की दूसरी छमाही की तुलना में 6.5 प्रतिशत अधिक है, लेकिन साल 2023 की पहली छमाही से 17.3 प्रतिशत कम है।
शुरुआती चरण वाली स्टार्टअप कंपनियों ने साल 2023 की दूसरी छमाही के अनुरूप 1.3 अरब डॉलर की स्थिर फंडिंग राशि बनाए रखी, लेकिन यह साल 2023 की पहली छमाही से 28 प्रतिशत कम रही।
लेट-स्टेज फंडिंग बढ़कर 2.4 अरब डॉलर हो गई जो साल 2023 की दूसरी छमाही के मुकाबले 3.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। हालांकि साल 2023 की पहली छमाही की तुलना में इसमें 1.3 प्रतिशत की मामूली गिरावट नजर आई।