facebookmetapixel
RSS के ‘स्वयंसेवक’ से उपराष्ट्रपति तक… सीपी राधाकृष्णन का बेमिसाल रहा है सफरभारत के नए उप राष्ट्रपति चुने गए सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से हरायासेबी ने IPO नियमों में ढील दी, स्टार्टअप फाउंडर्स को ESOPs रखने की मिली मंजूरीNepal GenZ protests: नेपाल में क्यों भड़का प्रोटेस्ट? जानिए पूरा मामलाPhonePe का नया धमाका! अब Mutual Funds पर मिलेगा 10 मिनट में ₹2 करोड़ तक का लोनभारतीय परिवारों का तिमाही खर्च 2025 में 33% बढ़कर 56,000 रुपये हुआNepal GenZ protests: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी दिया इस्तीफापीएम मोदी ने हिमाचल के लिए ₹1,500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की मददCredit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारी

‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड’ योजना का तीसरे पक्ष से मूल्यांकन करा रहा है DPIIT

Last Updated- January 06, 2023 | 3:10 PM IST
Startup valuation cut by foreign investors

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड’ यानी यानी शुरूआती पूंजी उपलब्ध कराने की योजना का तीसरे पक्ष से मूल्यांकन करा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि जमीन पर इस योजना का असर जानने के लिए यह मूल्यांकन कराया जा रहा है। योजना 2021 में शुरू की गई थी और इसकी कुल राशि 945 करोड़ रुपये है।

योजना का मकसद अवधारणा के प्रमाण, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षण, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण के लिए स्टार्टअप को वित्तीय सहायता देना है। पूरे भारत में पात्र पालनघरों (इनक्यूबेटर) के जरिए पात्र स्टार्टअप को सीड फंडिंग देने के लिए कोष को चार वर्षों में विभाजित किया गया था।

डीपीआईआईटी में संयुक्त सचिव श्रुति सिंह ने कहा कि विभाग को योजना पर ‘इनक्यूबेटर’ और स्टार्टअप से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने आगे कहा, ”हम अभी तीसरे पक्ष से भी आकलन करा रहे हैं, ताकि जमीन पर इसके प्रभाव को कोई देख सके।” उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि 85,000 से अधिक स्टार्टअप डीपीआईआईटी के साथ पंजीकृत हैं।

सरकार ने 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की थी। उन्होंने यह भी कहा कि 10,000 करोड़ रुपये की ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना से अब तक लगभग 7,900 करोड़ रुपये वैकल्पिक निवेश कोष के लिए दिए जाने हैं। उन्होंने कहा कि विभाग 2025 के बाद योजना के तहत वित्त मंत्रालय से और धनराशि मांगेगा।

First Published - January 6, 2023 | 3:09 PM IST

संबंधित पोस्ट