स्पाइसजेट के मालिक अजय सिंह और विमानन कंपनी के पूर्व प्रवर्तक कलानिधि मारन और उनकी कंपनी काल एयरवेज के बीच लंबे समय से चले आ रहे शेयर विवाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सभी लंबित विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए हैदराबाद मध्यस्थता केंद्र को समझौता कराने का निर्देश दिया है।
स्पाइसजेट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली के पीठ को बताया कि दोनों पक्ष तीनों लंबित मामलों के लिए एक संयुक्त समझौता चाहते हैं, जिसके लिए व्यापक बहस की जरूरत होगी। इसमें एक मुद्दा यह था कि विमानन कंपनी ने एक ऋणदाता से कर्ज लिया था जो वादियों (मारन और अन्य) द्वारा दी गई सुरक्षा द्वारा समर्थित
था और प्रतिवादी चाहते थे कि ऋण उन्हें चुकाना चाहिए। याचिकाकर्ता पहले ही सिटी यूनियन बैंक के साथ ऋण को निपटाने और सुरक्षा रकम जारी करने के एक विवाद को सुलझा चुका है। शुरू में रोहतगी ने पक्षों के बीच सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए चार से छह सप्ताह का समय मांगा ताकि दोनों पक्षों के बीच
समझौता हो सके।
काल एयरवेज और कलानिधि मारन की तरफ से पेश हो रहे करंजावाला ऐंड कंपनी ने एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने दोनों पक्षों को आपसी समझौते के माध्यम से मध्यथता केंद्र में मामले को निपटाने का निर्देश दिया है ।