निवेश पाने के मामले में पश्चिम बंगाल जैसा किस्मत वाला राज्य शायद ही र्कोई दूसरा होगा। एक के बाद एक कंपनियां और समूह यहां निवेश की बौछार करते जा रहे हैं।
निवेश भी मामूली नहीं है, हजारों करोड़ रुपये की भारी भरकम परियोजनाएं बंगाल के हाथ लग रही हैं। इसी कड़ी में स्पाइस समूह का नाम भी जुड़ गया है। उसकी प्रमुख कंपनी सीएएलएस रिफाइनरीज राज्य में भारी निवेश करने जा रही है।
इस बारे में कंपनी ने पश्चिम बंगाल ओद्यौगिक विकास निगम (डब्ल्यूबीआईडीसी) और हल्दिया विकास प्राधिकरण के साथ 20,000 करोड़ रुपये का समझौता किया है। इसके लिए स्पाइस समूह ने इनके साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी कर लिए हैं।
कंपनी इस परियोजना को तीन चरणों में पूरा करेगी। पहले चरण में कंपनी उत्पादन क्षमता को 50 लाख टन करने के लिए 4000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे लगभग 1,500 लोगों को रोजगार मिलेगा।सीएएलएस के मुख्य कार्यकारी मानवेंद्र गुहा रॉय ने बताया कि इस परियोजना के लिए लगभग 400 एकड़ जमीन की जरूरत होगी और यह जमीन पहले से ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स को नेप्था की आपूर्ति भी करेगी।
दूसरे चरण में भी कंपनी 50 लाख टन क्षमता वाला संयंत्र स्थापित करेगी। इसमें भी 1,500 लोगों को रोजगार मिलेगा।पहले चरण का कार्य साल 2010 की पहली तिमाही में और दूसरा चरण 2010 के आखिर तक शुरू कर दिया जाएगा। राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निरुपम सेन ने बताया कि छोटे स्तर के उोगों में सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध होंगे। इससे छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
सेन ने बताया कि दूसरे चरण में भी लगभग 4000 करोड़ का निवेश किया जाएगा और 400 से 500 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। इसके लिए भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।तीसरे चरण में कंपनी नयाचर में ग्रीनफील्ड परियोजना पर कार्य शुरू करेगी। इसके लिए नयाचर में अभी आधारभूत ढांचा विकसित किया जा रहा है। इसके लिए लगभग 12,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा और प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 6000 से 8000 लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा।
कंपनी इस आखिरी चरण को साल 2013 में शुरू करेगी।कंपनी उपकरणों, मूलभूत इंजीनियरिंग सुविधाओं और परियोजना के शुरुआती कार्यों पर लगभग 360 करोड़ रुपये पहले ही खर्च कर चुकी है।
हल्दिया मे उपकरणों की आवाजाही जुलाई 2008 से शुरू हो जाएगी।इंगोलस्टैट स्थित बेयर्न ऑयल रिफाइनरी की मुख्य प्रसंस्करण इकाई और उपकरण तथा एडमोंटन में पेट्रो कनाडा रिफाइनरी से पूरक इकाई लाने के साथ ही रिफाइनरी का पहला चरण पूरा हो जाएगा।