जेनरेटिव AI (Gen-AI) अपनाने की होड़ के बीच भारत में अभी तक 30 फीसदी व्यावसायिक एप्लिकेशन ही क्लाउड पर आए हैं। ऑरेकल की एक रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। कंपनी का कहना हैं कि यह संख्या वैश्विक रुझान के समान है और यह उसके लिए भी एक बड़ा अवसर है।
ऑरेकल इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रबंध निदेशक शैलेंद्र कुमार ने कहा, ‘ जिन एप्लिकेशन को क्लाउड पर ले जाया जा सकता है उनमें से कुछ मेनफ्रेम पर भी हो सकते हैं मगर अभी केवल 30 फीसदी को क्लाउड पर ले जाया गया है। हालांकि यह एक वैश्विक आंकड़ा है, जो भारत के लिए भी उतना ही होगा।’
उन्होंने कहा कि आज बीएफएसआई, दूरसंचार, रिटेल, लार्ज या एसएमबी आदि क्षेत्रों में हर ग्राहक क्लाउड की चर्चा कर रहा है। कुमार ने मुंबई में ऑरेकल क्लाउडवर्ल्ड टूर के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चर्चा चारों ओर है कि हम कितनी तेजी से आगे बढ़ सकते हैं और फिर निश्चित रूप से सुरक्षा, डेटा पर नियंत्रण, विलंब जैसे कुछ डर दूर करने होंगे।
कुमार की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है ऑरेकल डेटाबेस श्रेणी में सबसे बड़े समाधान प्रदाताओं में से एक है और भारत में उद्यमों, एसएमई और सार्वजनिक क्षेत्र में 20,000 से अधिक ग्राहकों के साथ काम करती है।
भारत में ऑरेकल ने हाल की तिमाहियों में क्लाउड खपत में एक साल पहले की तुलना में 50 फीसदी की वृद्धि हासिल की है।
ऑरेकल इंडिया के समूह उपाध्यक्ष ( प्रौद्योगिकी) श्रीकांत डोरानडुला ने कहा, ‘ ऑरेकल ने भारत में बीती कुछ तिमाहियों में क्लाउड खपत में एक साल पहले के मुकाबले 50 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। इसके साथ ही हमारा एसएमबी व्यवसाय पिछले तीन वर्षों से क्लाउड खपत में 70 फीसदी से अधिक की वृद्धि कर रहा है।
मुंबई और हैदराबाद में हमारे क्लाउड क्षेत्र पूरी क्षमता से चल रहे हैं। ग्राहकों को भी पैमाने, कीमत, प्रदर्शन और कम लागत का व्यावसायिक लाभ मिल रहा है। यह मल्टीक्लाउड या हाइब्रिड क्लाउड है। यह पूछे जाने पर कि भारत में इसकी वृद्धि के क्या कारण हैं तो कुमार ने बताया कि इसकी वृद्धि के चार कारण हैं।